रामपुर से सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी को पत्नी रूमाना परवीन को हर महीने 30 हजार रुपए गुजारा भत्ता देना होगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पारिवारिक विवाद में ये अंतरिम आदेश दिया है। कोर्ट ने मामला सुलझाने के लिए इसे हाईकोर्ट के मध्यस्थता एवं सुलह केंद्र भेजा है। सांसद ने आगरा फैमिली कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने अप्रैल 2024 में पत्नी की ओर से दायर भरण-पोषण के आदेश को रद्द करने की मांग की थी। मोहिबुल्लाह पर 2020 में आगरा के सदर बाजार थाने में CRPC की धारा 127 के तहत केस दर्ज हुआ था। वकील की दलील- मामला वैवाहिक विवाद का है हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान मोहिबुल्लाह की ओर से पेश वकील नरेंद्र कुमार पांडे ने दलील दी कि यह मामला वैवाहिक विवाद से जुड़ा है और उनका मुवक्किल इसे आपसी सहमति और सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहता है। वकील ने अदालत से आग्रह किया कि मामला मध्यस्थता केंद्र (Mediation and Conciliation Centre) को भेजा जाए, ताकि दोनों पक्ष मिल-बैठकर समाधान निकाल सकें। मोहिबुल्लाह ने अपनी गंभीरता और ईमानदारी दिखाने के लिए यह भी पेशकश की कि वे मध्यस्थता केंद्र में पहली पेशी के दिन ही अपनी पत्नी को ₹50,000 देने को तैयार हैं। कोर्ट का आदेश- पत्नी को हर महीने ₹30,000 देने होंगे कोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलीलों को ध्यान में रखते हुए इस मामले को मध्यस्थता केंद्र भेजने का आदेश दिया। साथ ही कहा कि ऐसे पारिवारिक विवादों को बातचीत के माध्यम से सुलझाने की पूरी संभावना है, इसलिए इसका प्रयास अवश्य किया जाना चाहिए। कोर्ट ने निर्देश दिया कि मोहिबुल्लाह 30 दिनों के भीतर ₹55,000 का डिमांड ड्राफ्ट मध्यस्थता केंद्र में जमा करें। इसमें से ₹50,000 उनकी पत्नी को उनकी पहली उपस्थिति पर दिए जाएंगे, जिसमें ₹30,000 की राशि पिछली बकाया भरण-पोषण के रूप में समायोजित की जाएगी, जबकि ₹5,000 की राशि मध्यस्थता केंद्र के पास जमा रहेगी। समाधान तलाशने के लिए तीन महीने का समय कोर्ट ने मध्यस्थ को दोनों पक्षों के बीच विवाद का समाधान तलाशने के लिए तीन महीने का समय दिया है और कहा है कि इसके बाद मामले को दूसरी उपयुक्त बेंच के सामने रिपोर्ट के साथ पेश किया जाएगा। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह मामला वर्तमान बेंच के समक्ष लंबित नहीं रहेगा और इसे आंशिक रूप से भी सुना हुआ नहीं माना जाएगा। इस दौरान, जब तक अंतिम निर्णय नहीं आ जाता, मोहिबुल्लाह को अपनी पत्नी को हर महीने ₹30,000 की मौजूदा भरण-पोषण राशि का भुगतान करना होगा। साथ ही, कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि याचिका दाखिल करने की तारीख से लेकर इस आदेश की तारीख तक की बकाया राशि की वसूली पर फिलहाल रोक रहेगी। हालांकि, यदि मोहिबुल्लाह यह तयशुदा राशि जमा करने में असफल रहते हैं, या मासिक भरण-पोषण राशि का भुगतान नहीं करते हैं, या फिर यदि मध्यस्थता विफल हो जाती है, तो यह अंतरिम आदेश स्वतः निरस्त हो जाएगा। ——————- ये खबर भी पढ़िए- गर्लफ्रेंड की शादी तय हुई…प्रेमी पानी टंकी से कूदा, मौत, अनूपशहर में मां गिड़गिड़ाती रही- कूदना मत बुलंदशहर में 80 फीट ऊंची पानी टंकी से 22 साल युवक ने कूद कर जान दे दी। वह गर्लफ्रेंड की शादी किसी और से तय होने से नाराज था। जानकारी के मुताबिक, सज्जा (22) मंगलवार सुबह 9.30 बजे पानी की टंकी पर चढ़ गया। इसके बाद वो जोर-जोर से रोने लगा। यह देखकर नीचे काफी भीड़ जमा हो गई। सूचना घरवालों को लगी तो वो भी भागकर वहां पहुंचे। पढ़ें पूरी खबर…