रामपुर में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान से जुड़े दो मामलों की सुनवाई हुई। इनमें डूंगरपुर प्रकरण में एलआईयू इंस्पेक्टर ने गवाही दी। जबकि दो पैन कार्ड मामले में अभियोजन पक्ष की अंतिम बहस शुरू हुई। आजम खान स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए सुनवाई के दौरान न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए। डूंगरपुर प्रकरण की सुनवाई के दौरान, आजम खान की ओर से 10 हजार रुपये का हर्जाना जमा कराया गया। इसके बाद उनके वकील ने मुरादाबाद में तैनात एलआईयू इंस्पेक्टर शरद पवार से जिरह की। इंस्पेक्टर पवार की गवाही पहले भी हो चुकी थी, लेकिन आजम खान के वकील ने उन्हें दोबारा बहस के लिए बुलाने का अनुरोध किया था, जिसे न्यायालय ने हर्जाने की शर्त पर स्वीकार किया था। वहीं, आजम खान के दो पैन कार्ड से संबंधित मामले में अभियोजन पक्ष ने अपनी अंतिम बहस शुरू की। इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 16 अक्टूबर तय की गई है। डूंगरपुर प्रकरण वर्ष 2016 का है, जब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और आजम खान कैबिनेट मंत्री थे। आरोप है कि उन्होंने पुलिस लाइन के पास डूंगरपुर में गरीबों के लिए आसरा आवास बनवाए थे। इस दौरान, वहां पहले से बने कुछ मकानों को सरकारी जमीन पर बताकर तोड़ दिया गया था। भाजपा सरकार आने के बाद वर्ष 2019 में 11 लोगों ने गंज कोतवाली में अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए थे। इन मुकदमों में आरोप है कि सपा सरकार में आजम खान के इशारे पर पुलिस और सपाइयों ने बस्ती खाली कराई, सामान लूटा और मकानों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया था। डूंगरपुर केस में अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी। जबकि दो पैन कार्ड मामले में अगली सुनवाई की तारीख 16 अक्टूबर निर्धारित की गई है।