प्रेमानंद महाराज से मिले बागेश्वर धाम के पीठाधीश:वृंदावन में पटका ओढ़ाकर गले लगाया; प्रेमानंद बोले- धीरेंद्र शास्त्री भगवान के पार्षद

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने वृंदावन पहुंचकर प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की। मंगलवार सुबह करीब 7.30 बजे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री श्रीराधा केलीकुंज पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने महाराज का हालचाल जाना, आशीर्वाद लिया और उन्हें आगामी ‘सनातन हिंदू एकता’ पदयात्रा के लिए आमंत्रित किया। प्रेमानंद महाराज ने धीरेंद्र शास्त्री को पटका ओढ़ाकर गले लगाया। मुलाकात के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वे मुंबई में ‘माया’ में फंसे हुए थे। वहीं से वृंदावन आए हैं। इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा कि भगवान के पार्षद मायाजाल में प्रवेश कर लोगों को उससे मुक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री भगवान के पार्षद हैं। जहां भी जाएं, भगवान के नाम का गर्जन करें तो मायाजाल भाग जाता है। महाराज ने भगवान के नाम और गुणगान में अपार शक्ति बताई। 2 संतों के मिलन की 8 तस्वीरें देखिए… ‘सनातन हिंदू एकता’ पदयात्रा के बारे में बताया
प्रेमानंद जी महाराज ने धीरेंद्र शास्त्री से वृंदावन में उनके रुकने की अवधि पूछी। जवाब में उन्होंने बताया कि वे एक छोटी पदयात्रा के क्रम में यहां आए हैं। उन्होंने महाराज को ‘सनातन हिंदू एकता’ पदयात्रा के बारे में विस्तार से बताया, जो दिल्ली से वृंदावन तक निकाली जा रही है। इस पर प्रेमानंद जी ने सनातन धर्म के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आसमान, पृथ्वी, सूर्य, आकाश और वायु सभी सनातन से हैं। सनातन के बिना किसी की सत्ता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई निष्काम भाव से काम करता है तो उसे कहीं भी हो, जुड़ना ही पड़ता है। बागेश्वर बालाजी की मूर्ति के दर्शन कराए
मुलाकात के दौरान दोनों संतों के बीच आध्यात्मिक बातचीत हुई। धीरेंद्र शास्त्री ने प्रेमानंद जी महाराज के बीमार शरीर को लेकर कहा कि यह सब उनकी लीला है। उन्होंने प्रेमानंद जी को अपने दादा गुरु द्वारा दी गई भगवान बालाजी जी की मूर्ति के दर्शन कराए। 170 किमी की ‘सनातन हिंदू एकता’ पदयात्रा
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 7 से 16 नवंबर के बीच दिल्ली से वृंदावन तक 170 किलोमीटर की ‘सनातन हिंदू एकता’ पदयात्रा का नेतृत्व करेंगे। इस यात्रा की तैयारियों के लिए लगातार संपर्क अभियान चलाया जा रहा है। शास्त्री ने संत मिलन के अवसर पर सभी संतों से आशीर्वाद और सहयोग मांगा। संतों और प्रबुद्धजन ने एक स्वर में इस यात्रा को तन, मन, धन से समर्थन देने और सफल बनाने का वचन दिया है। प्रेमानंद जी के समर्थन में रहते हैं धीरेंद्र शास्त्री
बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अक्सर प्रेमानंद महाराज के समर्थन में बयान देते हैं। कुछ महीने पहले ब्वॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड कल्चर को लेकर हुए विरोध पर धीरेंद्र शास्त्री साफ-साफ शब्दों में प्रेमानंद महाराज का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था- प्रेमानंद बाबा जैसे उपदेशक का विरोध करना यह साबित करता है कि, कुछ लोगों को पेट की बीमारी है। लोग प्रेमानंद महाराज का विरोध कर रहे हैं तब हमें समझ में आया कि, इस देश में सत्य बोलना कितना कठिन है। मुझे विश्वास हो गया है कि कुछ लोगों की मानसिक और वैचारिक पाचन शक्ति ही खराब है। रामभद्राचार्य के बयान पर भी सामने आए थे
प्रेमानंद महाराज को लेकर जगद्गुरु रामभद्राचार्य के बयान पर हुए विरोध पर भी धीरेंद्र शास्त्री ने बचान किया था। उन्होंने कहा था- कुछ लोग जानबूझकर संतों के बीच विवाद पैदा कर रहे हैं, जिससे सनातन धर्म की छवि को ठेस पहुंच रही है। बता दें, रामभद्राचार्य ने कहा था कि पहले विद्वान लोग ही कथावाचन करते थे, आजकल मूर्ख लोग धर्म का ज्ञान दे रहे हैं। उन्होंने चैलेंज किया था कि प्रेमानंद जी एक अक्षर संस्कृत का बोलकर दिखा दें। तब इस विवाद को समाज और संस्कृति पर प्रवचन दे रहे संत-कथावाचकों के संस्कृत भाषा के ज्ञान पर शास्त्रार्थ के तौर पर देखा गया था।

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