कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने परिवार और खुद की जान को खतरा बताते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। सुरजेवाला के वकील आर. कार्तिकेय ने कोर्ट को बताया कि 11 और 13 सितंबर को सुरजेवाला को पाकिस्तान के मोबाइल नंबर से धमकी भरे ऑडियो नोट्स और कॉल आए, जिसमें उन्हें ग्रेनेड लॉन्चर से उड़ाने की धमकी दी गई। सुरजेवाला के वकील ने कोर्ट में यह तर्क भी दिया कि अन्य पूर्व सांसदों और विधायकों को मोबाइल सुरक्षा दी गई है, जबकि उन्हें इससे वंचित रखा गया है। पहले वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी, लेकिन हालिया रिपोर्ट में गृह मंत्रालय ने कहा कि उन्हें अब किसी विशेष खतरे की आशंका नहीं है। ऐसे में सुरक्षा हटाई जा सकती है। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट के जस्टिस सुधीर सहगल ने केंद्र और प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर 10 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। सुरक्षा पर हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगा था जवाब
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी द्वारा नई सिक्योरिटी रिव्यू के बाद राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला को दी गई वाई+ श्रेणी की सिक्योरिटी वापस लेने का प्रस्ताव दिया था। केंद्र की याचिका पर हाईकोर्ट के जस्टिस कुलदीप तिवारी ने सुरजेवाला को अपना पक्ष रखने के लिए संबंधित अथॉरिटी के समक्ष उपस्थित होने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि सुरजेवाला को यह साबित करने का मौका मिलना चाहिए कि उन्हें अभी भी खतरा है। इसके लिए उन्हें जरूरी सबूत पेश करने का अवसर दिया जाए। सुरजेवाला ने CISF सिक्योरिटी मांगी थी
सुरजेवाला ने खतरों के चलते केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) सिक्योरिटी की मांग करते हुए 2016 में एक रिट याचिका दायर की थी। केंद्र द्वारा पूरे भारत में Y+ सुरक्षा कवर देने का फैसला करने के बाद, 2017 में हाईकोर्ट की एक समन्वय पीठ ने मामले का निपटारा कर दिया था। याचिकाकर्ता की इस आशंका को ध्यान में रखते हुए कि सरकार बिना किसी कारण के और वास्तविक खतरे की धारणा का पता लगाए बिना सिक्योरिटी वापस ले सकती है, कोर्ट ने निर्देश दिया कि यदि सिक्योरिटी की श्रेणी बदलने की मांग की जाती है तो अदालत से पूर्व अनुमति लेना आवश्यक है। गैंगस्टर ग्योंग ने दी थी सुरजेवाला को धमकी
रणदीप सुरजेवाला को ग्योंग बंधुओं से भी धमकी मिली थी, जिसके चलते उन्होंने सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले में जोगिंद्र ग्योंग के खिलाफ कैथल में केस भी दर्ज हुआ था। जब सुरेंद्र ग्योंग का एनकाउंटर हुआ, तो जोगिंद्र को शक था कि इसके पीछे रणदीप सुरजेवाला का हाथ है। भाई की मौत के छह महीने बाद उसने सुरजेवाला को धमकी दी थी।