पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोपों में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की जमानत याचिका पर आज फैसला होगा। ज्योति के वकील कुमार मुकेश ने बताया कि पुलिस ने जो इस केस में धाराएं लगाई हैं, उसको लेकर चार्जशीट में एक भी सबूत पेश नहीं किया गया है। इसको आधार बनाकर जमानत के लिए अप्लाई किया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. परमिंदर कौर की अदालत ने जमानत याचिका पर पुलिस से जवाब मांगा था। इस पर आज सुनवाई होगी। ज्योति मल्होत्रा की कस्टडी को आज 17 अक्टूबर को पांच माह पूरे हो गए हैं। वहीं ज्योति का केस अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश गगनदीप मित्तल की कोर्ट में चलेगा। अब इसी कोर्ट में 19 नवंबर को चार्ज फ्रेम की प्रक्रिया पूरी होगी। बता दें कि ज्योति पर पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप हैं। हिसार के सिविल लाइन थाना पुलिस ने उसके खिलाफ BNS की धारा 152 और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (Official Secrets Act), 1923 की धाराओं 3, 4 और 5 के तहत मामला दर्ज है। ज्योति के वकील कुमार मुकेश ने बताए जमानत के 3 आधार…
ज्योति ने कोई गोपनीय दस्तावेज नहीं भेजे : कुमार मुकेश ने बताया कि सीक्रेट एक्ट की धारा 3 यह कहती है कि अगर किसी ने डिफेंस से जुड़ी चीजों का प्लान, मैप या मॉडल बनाया है तो उसके लिए यह धारा यूज होती है। इस मामले में 14 साल तक की सजा का प्रावधान है। वहीं सरकार को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित करने पड़ते हैं, ताकि लोग पहले से ही उस बारे में सजग रहे। पुलिस की फाइंडिंग में ऐसा कुछ नहीं है। चार्जशीट में यह नहीं बताया कि उसने ऐसा कौन सा प्रतिबंध तोड़ा है। सीक्रेट एक्ट से जुड़ा कुछ रिकवर नहीं : कुमार मुकेश ने बताया कि पुलिस ने सीक्रेट एक्ट से जुड़ी एक चीज भी रिकवर नहीं की है। आर्मी से जुड़ा कोई दस्तावेज पेश नहीं कर पाई है जिससे यह साबित हो सके उसने कोई गोपनीय जानकारी साझा की हो। अगर गवर्नमेंट के किसी सीक्रेट एक्ट का उल्लंघन होता भी है तो उसमें अधिकतम 3 साल की सजा का ही प्रावधान है। पाक एजेंट का सिर्फ नंबर, बातचीत नहीं : कुमार मुकेश ने बताया कि ज्योति के मोबाइल से पाक एजेंट शाकिर से संपर्क की बात पुलिस कह रही है। पूरी चार्जशीट में शाकिर से चैटिंग व कॉल रिकॉर्डिंग की एक बात सामने नहीं आई है। ना ये बताया गया है कि उसने कोई कॉल डिलीट की है। दानिश से भी ज्योति सिर्फ वीजा पर्पज से ही मिलती थी। अधूरी चार्जशीट को लेकर एक महीने तक लटका मामला
पुलिस ने ज्योति मल्होत्रा केस में 90 दिन की जांच रिपोर्ट की बाद चार्जशीट 14 अगस्त को कोर्ट में पेश की थी। इसके बाद कोर्ट में 18 अगस्त ज्योति की वीडियो कान्फ्रेंस से पेशी हुई। कोर्ट ने उसे 7 दिन की न्यायिक हिरासत में फिर जेल भेज दिया। तय किया गया कि 25 अगस्त को ज्योति की कोर्ट में फिजिकल पेशी होगी, जिसमें उसे चार्जशीट की कॉपी सौंपी जाएगी। ज्योति 25 अगस्त को 95 दिन बाद जेल से बाहर आई और कोर्ट में पेश हुई। मगर हिसार पुलिस ने 25 अगस्त को एक एप्लिकेशन कोर्ट में लगाई कि चालान की पूरी कॉपी वकील को न दी जाए यह देश से जुड़ा संवेदनशील मामला है। इसके बाद कोर्ट ने 3 सितंबर की तारीख रखी। मगर कोर्ट में फैसला चार्जशीट को लेकर नहीं हुआ। इसके बाद 10 सितंबर को मामले में सुनवाई रखी, मगर जज छुट्टी पर चले गए। 16 सितंबर को पुलिस की एप्लिकेशन पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए वकील को अधूरी चार्जशीट देने का फैसला लिया। इसके बाद वकील को संशोधित चार्जशीट कॉपी सौंपी गई। ज्योति को लेकर हिसार पुलिस ने किए थे ये दावे पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑफिसर्स के संपर्क में थी: हिसार के SP शशांक कुमार सावन ने कहा था- 16 मई को जब हिसार पुलिस ने ज्योति मल्होत्रा को गिरफ्तार किया तो पता चला कि वह PIOs यानी पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑफिसर्स के संपर्क में थी। उसने कुछ सूचनाओं का आदान-प्रदान किया था। ज्योति की जांच हिसार पुलिस कर रही है। उसकी हिरासत भी हमारे पास है। सैन्य जानकारी तक ज्योति की पहुंच नहीं: हिसार के SP शशांक ने आगे कहा था- अब तक की जांच में यह सामने नहीं आया है कि आरोपी ज्योति की किसी भी सैन्य, रक्षा या रणनीतिक जानकारी तक पहुंच थी। पुलिस ने जिन मोबाइल-लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त किया था, उनकी फोरेंसिक लैब से एनालिसिस जारी है। इसका परिणाम अभी हिसार पुलिस को नहीं सौंपा गया। आतंकी संगठन से संपर्क नहीं, शादी या धर्म परिवर्तन जैसी बात नहीं: SP शशांक ने कहा था कि आरोपी ज्योति को यह पता था कि कुछ लोग पाकिस्तानी इंटेलिजेंस के ऑफिसर्स हैं, इसके बावजूद वह उनसे बात कर रही थी। हालांकि आरोपी ज्योति किसी आतंकी संगठन के सीधे संपर्क में थी, ऐसी बात अभी जांच में सामने नहीं आई है। वहीं आरोपी के किसी पाक इंटेलिजेंस अफसर से शादी या धर्म परिवर्तन करने के बारे में भी कोई तथ्य सामने नहीं आया है।