पंजाब के पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा के बेटे अकील की पंचकूला में दवा की ओवरडोज लेने के कारण मौत हो गई। ये घटना गुरुवार रात को हुई। पुलिस को दिए गए बयान में परिवार के सदस्यों ने बताया कि 35 वर्षीय अकील ने गुरुवार को किसी दवा का सेवन किया था। परिवार के लोगों को वे बेसुध हालत में मिले। इसके बाद उपचार के लिए उन्हें सेक्टर 6 स्थित नागरिक अस्पताल में लाया गया, जहां उनको मृत घोषित कर दिया गया। मौत के बाद शव को हरियाणा के पंचकूला सेक्टर-6 स्थित सरकारी अस्पताल लाया गया, जहां पोस्टमॉर्टम किया गया। इसके बार परिजन शव को यूपी के सहारनपुर ले गए है, जहां नमाज-ए-जनाजा के बाद खाक-ए-सुपुर्द किया जाएगा। हरियाणा के पंचकूला में रहने वाले अकील हाईकोर्ट में वकील थे। उनकी मां पूर्व मंत्री रजिया सुल्ताना है। पिता साल 2021 में पंजाब के डीजीपी पद से रिटायर होने के बाद कांग्रेस में सक्रिय हो गए थे। नवजोत सिंह सिद्धु के साथ उनकी काफी नजदीकियां रही हैं। वे सिद्धू के सलाहकार भी रह चुके हैं। यहां जानिए मोहम्मद मुस्तफा और उनकी फैमिली के बारे में… 2 बच्चों के पिता थे अकील, हाईकोर्ट में करते थे प्रैक्टिस
अकील के परिवार के लोगों ने बताया कि अकील शादीशुदा था। उसका एक बेटा और एक बेटी है। अकील वर्तमान में हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते थे। मौत के बाद उनके शव का सिविल अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कराया गया। पोस्टमॉर्टम के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया। परिवार के मुताबिक, पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा यूपी में सहारनपुर जिले के हरडा गांव के रहने वाले हैं। पोस्टमॉर्टम के बाद कागजी कार्रवाई कर वे भी सहारनपुर के लिए चले गए थे, जबकि उनके बेटे के शव को दो रिश्तेदार एम्बुलेंस से लेकर रवाना हो गए। कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं मां रजिया सुल्ताना
मोहम्मद मुस्तफा की पत्नी रजिया सुल्ताना हैं। वह कांग्रेस की चन्नी सरकार में कैबिनेट मंत्री थीं। रजिया को कांग्रेस ने 2022 में भी अपना प्रत्याशी बनाया था। मलेरकोटला के विधानसभा चुनाव 2022 में आम आदमी पार्टी से मोहम्मद जमील उर रहमान ने कांग्रेस की रजिया सुल्ताना को 21686 वोटों के अंतर से हराया। मोहम्मद मुस्तफा को पांच वीरता पुरस्कार भी मिल चुके हैं। वह 28 फरवरी 2021 को रिटायर हुए थे। उनके रिटायरमेंट के बाद सिद्धू ने उन्हें अपना सलाहकार नियुक्त किया था। 1985 बैच के IPS, कैप्टन अमरिंदर के करीबी रहे मुस्तफा
1985 बैच के IPS मोहम्मद मुस्तफा कभी कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेहद करीबी थे। मगर, धीरे-धीरे दोनों के बीच विवाद बढ़ने लगा। वह सबसे ज्यादा चर्चा में तब आए, जब उन्होंने पंजाब के तत्कालीन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे। कहा था कि उन्हें डीजीपी न बनाए जाने को लेकर अमरिंदर सिंह ने साजिश रची थी।
उन्होंने कहा था कि मेरे जैसे निडर, देशभक्त, राष्ट्रवादी और खुद्दार व्यक्ति की खुद्दारी पर चोट की गई। मुस्तफा अपने से जूनियर दिनकर गुप्ता को पंजाब का DGP बनाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी गए थे। पुत्रवधू जैनब रह चुकीं पंजाब वक्फ बोर्ड का चेयरपर्सन
करीब चार साल पहले पंजाब सरकार की एक नियुक्ति सुर्खियों में आ गई थी। यह नियुक्ति थी कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना की बहू जैनब अख्तर की। जैनल को पंजाब वक्फ बोर्ड का चेयरपर्सन बना दिया गया था। मंत्री सुल्ताना के पति पूर्व DGP मोहमद मुस्तफा उस वक्त पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू के सलाहकार थे। उस वक्त पंजाब वक्फ बोर्ड के चेयरपर्सन का पद एक महीने से खाली थी। जैनब अख्तर की नियुक्ति शनिवार यानी छुट्टी वाले दिन हुई थी। उनका नाम वक्फ बोर्ड के मेंबर एजाज आलम ने पेश किया था, जिसका अब्दुल वाहिद ने समर्थन किया था। पुलिस बोली, परिवार ने कोई शक जाहिर नहीं किया
उधर, पंचकूला मनसा देवी थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर मुनीष कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया कि दवा के ओवरडोज से मौत हुई है। मौत के सही कारणों का खुलासा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगा। परिवार ने किसी प्रकार का कोई शक जाहिर नहीं किया है। फिर भी पुलिस परिवार से जानकारी जुटा रही हैं।