बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पॉवर मैनेजमेंट कमेटी के द्वारा दिए गए आदेश के बाद बांके बिहारी जी का खजाना आज खोला जायेगा। खजाना खोलने के लिए एक समिति बनाई गई थी। इसमें मंदिर प्रबंधन के अलावा सिविल जज, ऑडिटर और पुलिस अफसर शामिल थे। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। सिंहासन के नीचे बना है तोशखाना बांके बिहारी जी का खजाना तोशखाना में रखा है। यह तोशखाना बांके बिहारी जी के सिंहासन के नीचे है। मंदिर के इतिहासकार आचार्य प्रह्लाद वल्लभ गोस्वामी ने बताया- मंदिर का खजाना वैष्णव परंपरा के मुताबिक है। इसे 1864 में बनवाया था। यह बिहारी जी के दाहिने हाथ की ओर बने दरवाजे से करीब 12 सीढ़ी नीचे उतरकर बाईं ओर है। मौजूदा मंदिर के निर्माण के समय खजाना स्थापित किया गया था। इसमें भरतपुर, करौली, ग्वालियर रियासतों से मिला चढ़ावा भी है। खजाने में मोहर लगे सनद, गिफ्ट्स, प्रशंसा पत्र, अन्य शहरों में दान में मिली भूमि, भवन, मंदिर, खेतों के दानपत्र हैं। 1971 में खुला था आखिरी बार खजाना 1971 में तब की मंदिर प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष प्यारेलाल गोयल के वक्त आखिरी बार खजाना खोला गया था। इसमें रखे बेशकीमती आभूषण को निकाला था। इसकी एक लिस्ट भी बनाई थी। इन सामानों को एक बक्से में बंद करके सील किया गया। फिर मथुरा के भूतेश्वर स्थित स्टेट बैंक के लॉकर में रखा गया। किन-किन आभूषणों को बैंक लॉकर में रखा इसकी सूची कमेटी के सभी मेंबर्स को दी गई। बैंक में वह बक्सा आज भी रखा है। खजाने की दो बार हो चुकी है चोरी आचार्य प्रह्लाद वल्लभ गोस्वामी ने बताया कि खजाने में दो बार चोरी हो चुकी है। यह चोरी ब्रिटिश काल में 1926 और 1936 में हुई थी। इसके बाद चोरी रोकने के लिए तहखाने का मुख्य द्वार बंद कर दिया गया। सामान डालने के लिए एक छोटा मोखा (झरोखा) बनाया था। दोपहर 1 बजे का समय किया निर्धारित बांके बिहारी जी का खजाना खोलने का निर्णय 29 सितंबर को लिया गया था। लिए गए निर्णय के बाद शुक्रवार को कमेटी के सचिव और DM चंद्र प्रकाश सिंह ने आदेश जारी करते हुए गर्भ गृह के बगल वाले कमरे को खोलने के लिए 18 नबंबर को दोपहर 1 बजे इसे खोलने का आदेश जारी किया। इसकी सुचना मंदिर कमेटी के अध्यक्ष ,SSP ,CMO ,एसपी सिटी ,नगर मजिस्ट्रेट,सीओ सदर,कमेटी में शामिल चारों गोस्वामी अलावा मंदिर के सीए बाई के गुप्ता कंपनी दिल्ली और मंदिर के प्रबंधक को दी गयी है।