देश का ऐसा मंदिर…जहां अन्नपूर्णा मां लुटा रहीं खजाना:काशी में 18 घंटे से लाइन में लगे श्रद्धालु, उनसे खुद शिव ने मांगी थी भिक्षा

भगवान शिव को अन्न-धन की भिक्षा देने वाली मां अन्नपूर्णा की सोने की प्रतिमा का दर्शन आज से शुरू हो गया है। भक्तों की श्रद्धा ऐसी कि मां का आशीर्वाद लेने और खजाना पाने के लिए 18 घंटे पहले ही लाइन में लग गए। 18 अक्टूबर को धनतेरस से 22 अक्टूबर को अन्नकूट तक मां भक्तों को खजाना लुटाएंगी। भक्त काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में बनी अस्थायी सीढ़ी से होते हुए फर्स्ट फ्लोर पर विराजमान माता का दर्शन करके राम मंदिर से बाहर निकल रहे हैं। माता के दर्शन से पहले ही भक्तों को माता के खजाने के रूप में लावा और सिक्के का प्रसाद दिया जा रहा है। महंत शंकर पुरी ने बताया- धनतेरस पर 11 लाख से अधिक सिक्के (खजाना) और 11 क्विंटल लावा भक्तों में बांटे जाएंगे। इस दिन पूजित खजाना सिक्के के रूप में आने वाले हर श्रद्धालु को दिया जाता है। इस प्रसाद को घर के भंडार में रखने मात्र से धन-धान्य की कमी नहीं होती है। पुराणों के अनुसार, देवी अन्नपूर्णा तीनों लोकों की अन्न की माता हैं। मां अन्नपूर्णा ने स्वयं भोलेनाथ को भोजन कराया था। अन्नपूर्णा मंदिर में आदि शंकराचार्य ने अन्नपूर्णा स्त्रोत की रचना करने के बाद ज्ञान वैराग्य प्राप्ति की कामना की थी। यह देश का इकलौता मंदिर है जो श्रीयंत्र के आकार का है। मंदिर से जुड़ी यह मान्यता भी है कि काशी में भीषण अकाल पड़ा था तो भगवान शिव ने मां अन्नपूर्णा का ध्यान कर उनसे भिक्षा मांगी थी। तब मां अन्नपूर्णा ने यह कहा था कि काशी में अब कोई भूखा नहीं सोएगा।

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