पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोपों में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की जमानत याचिका पर आज फिर सुनवाई होगी। शुक्रवार को एक दिन पहले सुनवाई टल गई थी। अब आज अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. परमिंदर कौर की अदालत में केस की सुनवाई होगी और ट्रायल भी अब इसी कोर्ट में चलेगा। इससे पहले ज्योति का केस अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश गगनदीप मित्तल की कोर्ट में ट्रांसफर हुआ था और 19 नवंबर को अगली सुनवाई के डेट निर्धारित की थी। शुक्रवार को जब जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी तो न्यायाधीश डॉ. परमिंदर कौर ने केस को अपने यहां की ट्रांसफर करवा डॉक्यूमेंट मंगवा लिए। बता दें कि ज्योति पर पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप हैं। हिसार के सिविल लाइन थाना पुलिस ने उसके खिलाफ BNS की धारा 152 और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (Official Secrets Act), 1923 की धाराओं 3, 4 और 5 के तहत मामला दर्ज है। ज्योति के वकील कुमार मुकेश ने बताए जमानत के 3 आधार…
ज्योति ने कोई गोपनीय दस्तावेज नहीं भेजे : कुमार मुकेश ने बताया कि सीक्रेट एक्ट की धारा 3 यह कहती है कि अगर किसी ने डिफेंस से जुड़ी चीजों का प्लान, मैप या मॉडल बनाया है तो उसके लिए यह धारा यूज होती है। इस मामले में 14 साल तक की सजा का प्रावधान है। वहीं सरकार को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित करने पड़ते हैं, ताकि लोग पहले से ही उस बारे में सजग रहे। पुलिस की फाइंडिंग में ऐसा कुछ नहीं है। चार्जशीट में यह नहीं बताया कि उसने ऐसा कौन सा प्रतिबंध तोड़ा है। सीक्रेट एक्ट से जुड़ा कुछ रिकवर नहीं : कुमार मुकेश ने बताया कि पुलिस ने सीक्रेट एक्ट से जुड़ी एक चीज भी रिकवर नहीं की है। आर्मी से जुड़ा कोई दस्तावेज पेश नहीं कर पाई है जिससे यह साबित हो सके उसने कोई गोपनीय जानकारी साझा की हो। अगर गवर्नमेंट के किसी सीक्रेट एक्ट का उल्लंघन होता भी है तो उसमें अधिकतम 3 साल की सजा का ही प्रावधान है। पाक एजेंट का सिर्फ नंबर, बातचीत नहीं : कुमार मुकेश ने बताया कि ज्योति के मोबाइल से पाक एजेंट शाकिर से संपर्क की बात पुलिस कह रही है। पूरी चार्जशीट में शाकिर से चैटिंग व कॉल रिकॉर्डिंग की एक बात सामने नहीं आई है। ना ये बताया गया है कि उसने कोई कॉल डिलीट की है। दानिश से भी ज्योति सिर्फ वीजा पर्पज से ही मिलती थी।