अयोध्या में 19 अक्टूबर को 9वां दीपोत्सव होगा। प्रभु श्रीराम पुष्पक विमान से नगर भ्रमण करेंगे। इस बार 3 विश्व रिकॉर्ड बनेंगे। पहला- राम की पैड़ी के 56 घाटों पर आज शाम तक करीब 29 लाख दीपक बिछ गए हैं। कल इनमें से 26.11 लाख दीपों के एक साथ जलते ही रामनगरी अपने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नया विश्व कीर्तिमान रचेगी। दूसरा- इस बार करीब 2100 लोग एक साथ सरयू आरती करेंगे। तीसरा- 1100 ड्रोन से विशेष शो होगा। इसके अलावा 25 नवंबर को श्रीराममंदिर के भव्य भवन के शिखर पर ध्वज की स्थापना का अनुष्ठान भी प्रस्तावित है। ये ध्वजा पीएम मोदी फहराएंगे। दीपोत्सव के दिन अयोध्या में रूट डायवर्ट रहेगा। कुछ रास्तों को ब्लॉक किया गया है। वहीं रेलवे ने अयोध्या आने वाली ट्रेनों की संख्या बढ़ा दी है। इस बार 10 लाख लोगों के अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है। अगर आपको दीपोत्सव का साक्षी बनना है, रामलला के दर्शन करने हैं, तो अयोध्या कैसे आएंगे? जानने के लिए पढ़िए खास रिपोर्ट… सबसे पहले अयोध्या का रूट प्लान समझते हैं दीपोत्सव के दिन अयोध्या में निषादराज चौराहे से आगे प्रवेश नहीं मिलेगा। दूसरी तरफ साकेत पेट्रोल पंप से आगे वाहनों का प्रवेश नहीं मिलेगा। हालांकि, पैदल लोग आ-जा सकते हैं। इसके लिए उनके पास अयोध्या का आधार कार्ड होना चाहि। वह व्यक्ति दीपोत्सव की व्यवस्था से जुड़ा हो। दीपोत्सव के वालंटियर्स के वाहन हनुमान गुफा के पास पार्क होंगे। यह व्यवस्था 19 अक्टूबर की देर रात तक रहेगी। पहले एयर रूट के बारे में जानिए… महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट रामायण की थीम पर बना है। यहां से दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई और बेंगलुरु से सीधी और वाया दिल्ली-अहमदाबाद के लिए फ्लाइट मिलेंगी। सबसे ज्यादा उड़ानें मुंबई और दिल्ली से हैं। इन स्थानों से एयर इंडिया, विस्तारा, स्पाइस जेट और इंडिगो की सेवाएं हैं। सबसे ज्यादा फ्लाइट इंडिगो की हैं। राम जन्मभूमि से एयरपोर्ट सिर्फ 10 किमी दूर है। यानी रामलला के दर्शन करने के बाद आधे घंटे में एयरपोर्ट पहुंचा जा सकता है। पैसेंजर्स के लिए एयरपोर्ट पर VIP लाउंज एंड वेटिंग एरिया, 9 चेक-इन काउंटर और 3 कन्वेयर बेल्ट बनाए गए हैं। टर्मिनल एरिया में दिव्यांगों के लिए अलग रैंप है। कार-बस और टैक्सी के लिए अलग-अलग पार्किंग एरिया हैं। महर्षि बाल्मीकि एयरपोर्ट पर जो लोग पहुंचेंगे, उनको राम की पैड़ी पहुंचने के लिए टैक्सी सेवाएं और ई-रिक्शा की सुविधा उपलब्ध है। ई-रिक्शा और टैक्सी सेवाएं आपको गोरखपुर-लखनऊ हाईवे-27 के बाईपास पर सरयू नदी के तट के निकट अंडरपास पर छोड़ेंगे। वहां से राम की पैड़ी जाने के लिए भीड़ के अनुरूप ही सुविधा उपलब्ध होगी। भीड़ अधिक नहीं है, तो राम की पैड़ी तक आप किसी भी साधन से आसानी से पहुंच सकते हैं। भीड़ अधिक है तो राम कथा पार्क की पार्किंग तक ही जाने को मिलेगा। अगर आप दीपोत्सव या किसी पर्व पर आ रहे हैं, तो बाईपास से पैदल यात्रा के लिए मन बना कर चलें। ई-रिक्शे के चालक की अयोध्या के भूगोल की जानकारी पर यह निर्भर करता है कि वह आपके विश्राम स्थल के कितना पास पहुंचा पाएगा। देर रात में रास्ते खुले रहते हैं, फिर भी रात 9 बजे तक वीणा चौक (लता मंगेशकर चौक) से टेढ़ी बाजार तक टुकड़ों में ही सवारी-साधन उपलब्ध होते हैं। वीणा चौक से गोल्फ कार्ट श्री राम जन्मभूमि तक ले जाती है। अगर आपको टेढ़ी बाजार तक जाना है, तो श्रीराम जन्मभूमि के प्रवेश द्वार के थोड़ा आगे चलकर श्रीराम अस्पताल के पास फिर ई-रिक्शा करना होगा। अब रेल रूट
अयोध्या आने के लिए मुंबई, अहमदाबाद, सूरत, बेंगलुरु, दिल्ली, कामाख्या, कोलकाता, मालदा टाउन, दरभंगा, आसनसोल, मुजफ्फरपुर, जयपुर, जोधपुर, इंदौर, रायपुर, भोपाल, रामेश्वरम से रेल सेवाएं उपलब्ध हैं। जिनमें वंदे भारत, अमृत भारत, एक्सप्रेस मेल और साधारण ट्रेनें देश के कोने-कोने से अयोध्या के लिए चलती हैं। बस रूट
पुराने अयोध्या बस स्टॉप से दिल्ली, कौशांबी, लखनऊ, कानपुर, कुशीनगर, आजमगढ़, रायबरेली, प्रयागराज, गोंडा, बस्ती और गोरखपुर के लिए सीधे बसें चलती हैं। दिल्ली रूट पर कौशांबी डिपो वाली बसें चलती हैं। शहर के अंदर जाने के लिए सिटी बसें चल रही हैं। दिल्ली के आनंद विहार से एसी और साधारण, मेरठ, आगरा, बरेली. सहारनपुर, देहरादून, हरिद्वार, वाराणसी, गोरखपुर, सोनौली, नानपारा (बहराइच) बस चलती हैं। दिल्ली, आगरा, जयपुर, इंदौर, नागपुर, अहमदाबाद और छतरपुर के लिए निजी एसी, नान एसी और स्लीपर बसें चलती हैं। इन सेवाओं के लिए निजी साइटों पर जा कर बुकिंग कराई जा सकती है। राम पथ, जन्मभूमि पथ और भक्ति पथ, ये राम तक ले जाते हैं राम पथ:
अगर आप लखनऊ-अयोध्या नेशनल हाईवे से सीधे राम जन्मभूमि मंदिर तक जाना चाहते हैं, तो ये रास्ता आपके लिए सही है। राम पथ सहादतगंज से नया घाट, यानी लता मंगेशकर चौक तक लगभग 13 किलोमीटर लंबा है। भक्ति पथ:
यह रास्ता राम पथ से बीच में कट जाता है। हनुमानगढ़ी तिराहे से लेकर राम जन्मभूमि तक भक्ति पथ बन रहा है। इसकी सबसे खास बात है कि इस पर आप राम लला के दर्शन के साथ-साथ हनुमानगढ़ी, कनक भवन और दशरथ महल भी जा सकते हैं। प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले इस रास्ते का काम पूरा हो जाएगा। जन्मभूमि पथ:
यही रास्ता राम मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार है। 800 मीटर लंबा ये रास्ता बिड़ला धर्मशाला से शुरू होकर राम जन्मभूमि परिसर तक जाता है। इस पथ पर श्रद्धालुओं के लिए शेड और लॉकर सुविधा मौजूद है। यहां की दीवारों को रामायण के किरदारों को उकेरा गया है। यह रास्ता भी मंदिर उद्घाटन समारोह से पहले तैयार हो जाएगा। ———————– ये खबर भी पढ़ें… बांके बिहारी का खजाना 54 साल बाद खोला गया:3 कलश और खाली बक्से मिले, दम घुटने से बाहर निकले पुजारी वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर का खजाना शनिवार को 54 साल बाद खोला गया। ये खजाना 160 साल पुराना है। अभी तक की सर्चिंग में टीम को 2 बक्से (एक लोहे और दूसरा लकड़ी का) और 3 कलश मिले हैं। पढ़ें पूरी खबर…