दिवाली से पहले गाजियाबाद में AQI 334, सांस लेना मुश्किल:देश के 5 में से UP के 4 शहर सबसे अधिक प्रदूषित, नोएडा दूसरे नंबर पर

एनसीआर में दिवाली से पहले हवा की गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है। गाजियाबाद की हवा चौथे दिन भी बेहद जहरीली बनी हुई है। नोएडा, मुजफ्फरनगर और हापुड़ की हवा भी खतरनाक स्तर पर है। पिछले चार दिनों से गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार बढ़ रहा है। रविवार को AQI 334 दर्ज किया गया। इससे एक दिन पहले यह 314 था। देशभर में गाजियाबाद का AQI सबसे अधिक है। गाजियाबाद के लोनी में सबसे ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया। यहां AQI 344 पहुंच गया, जो रेड जोन में आता है। वसुंधरा में AQI 324, संजय नगर में 335 और इंदिरापुरम में 233 दर्ज किया गया है। देखिए दो तस्वीरें सुबह से सांस लेने में हो रही परेशानी सुबह और रात के समय हल्की ठंड पड़ रही है। रविवार सुबह न्यूनतम तापमान 18.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पर हवा की गुणवत्ता खराब होने के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे हालात में बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। गाजियाबाद के बाद नोएडा, मुजफ्फरनगर और हापुड़ की हवा भी बेहद खराब श्रेणी में है। देश के पांच प्रमुख शहरों में चार यूपी के हैं। बल्लभगढ़ की हवा भी खराब श्रेणी में दर्ज की गई है। सोमवार को हवा और खराब होने का अनुमान केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) का पूर्वानुमान है कि सोमवार को हवा और भी खराब श्रेणी में पहुंच सकती है। ऐसे में सांस संबंधी रोगियों के लिए यह और अधिक खतरनाक साबित हो सकता है। लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और अस्वस्थता जैसी समस्या हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि लोग घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनें और बाहर लंबे समय तक रहने से बचें। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। वहीं, प्रशासन ने भी प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी है। देश में सबसे अधिक AQI वाले 5 शहर यूपी के प्रमुख व एनसीआर के जिलों का AQI अभी ग्रेप-वन लागू है बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए डीएम रविंद्र मांदड़ के निर्देश पर लोनी और शहर क्षेत्र में कार्रवाई की जा रही है। प्रदूषण विभाग की टीम ने अभियान चलाकर पिछले 4 दिनों में 23 फैक्ट्रियों को सील किया है। अभी ग्रेप-वन लागू है, जहां नगर निगम द्वारा छिड़काव किया जा रहा है। ग्रेप-वन में सड़क के किनारे भोजनालयों और रेस्‍तराओं में कोयले के इस्‍तेमाल पर रोक होती है। साथ ही इस दौरान खुले में कचरा जलाने पर भी प्रतिबंध लगाया जाता है। ये हैं शहरों में पॉल्यूशन के बड़े कारण …………………………………… ये खबर भी पढ़िए- कार पर गिरा हाईटेंशन तार, युवक जिंदा जला:सीट से हिल तक नहीं पाया, सिर्फ हडि्डयां और राख बची मथुरा में पेट्रोल पंप के पास खड़ी कार पर हाईटेंशन लाइन का तार टूटकर गिर गया। देखते ही देखते ही कार आग के गोले में तब्दील हो गई। कार में बैठा युवक हिल तक नहीं पाया और जलकर खाक हो गया। सिर्फ हड्‌डियां और राख ही बची। मौके पर पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड ने किसी तरह से आग पर काबू पाया। रेस्क्यू के बाद कार से कंकाल बरामद हुआ। वह पूरी तरह से जल चुका था। टीम ने कंकाल और राख को बैग में भरकर फोरेंसिक टीम को सौंपा। पढ़िए पूरी खबर…

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