जालंधर | पारस एस्टेट में दरिंदे हरमिंदर सिंह उर्फ रिंपी के घर और मासूम बच्ची के घर के बीच सिर्फ 6 मकानों और 2 खाली प्लॉटों का अंतर है। घटना के बाद रविवार को मासूम बच्ची के घर के बाहर हर शख्स की आंखें नम दिखीं। उधर, आरोपी रिंपी के मकान के बाहर एकत्रित लोग उसकी करतूत को कोस रहे थे। आरोपी के घर को ताला लगा है। उसकी पत्नी अपनी दोनों बेटियों के साथ अपने माता-पिता के घर पर है। अपने घर से बच्ची शाम 4:03 मिनट पर निकली थी। गली में लगे निजी कैमरों के 2 फुटेज सामने आए। एक में बच्ची के गुजरने का समय रिकॉर्ड है। दूसरी फुटेज में 4:03:27 समय है। बच्ची खेलने के मूड में चलती नजर आती है। एक कार का सहारा लेकर अपने जूते का तस्मा बांधती है। फिर मासूमियत के साथ भागते-झूलते हिलते-डोलते अपनी सहेली के घर के अंदर चली जाती है। उसने पहुंचने में केवल 27 सेकंड लगे। सीसीटीवी में पड़ोस के एक घर से एक्टिवा सवार युवक बाहर निकलता दिखा और एक महिला को लेकर अपने काम चला जाता है। बच्ची के घर के अंदर जाने के महज एक सेकंड बाद वो घर से बाहर आया। गली के हर शख्स को मलाल है कि कुछ समय पहले देख लेते तो शायद बच्ची की जान बच जाती। उधर, सिविल अस्पताल के कैदी वार्ड में रिंपी अकेला सलाखों के पीछे आरोपी रिंपी को सिटी के सिविल अस्पताल में ऊपरी मंजिल पर बने कैदी वार्ड में रखा गया है। यहां कैदियों का इलाज होता है, लेकिन उनके सारे बेड सलाखों के पीछे हैं। सलाखों वाले 2 सेक्शन आमने-सामने हैं। यहां पंजाब पुलिस के 6 जवान तैनात हैं, जबकि रिंपी 3 बेड में से सबसे पहले पर बैठा था। चेहरे पर शून्य भाव थे। मोटापे के कारण भारी शरीर, सफेद बालों के बीच शरीर पर लोगों की पिटाई के बाद बने इक्का-दुक्का घाव दिखे। गंभीर अपराध के इस केस में पुलिस आरोपी के पास किसी को भी जाने नहीं दे रही थी। वह सिर झुकाए बैठा था, दूसरों से नजरें चुरा रहा था।