एयर पॉल्यूशन से निपटने की लड़ाई को और मजबूत करने के लिए पंजाब के गवर्नर और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) के तहत दो अहम कमेटियों स्टेट लेवल स्टीयरिंग एंड मॉनिटरिंग कमेटी और इंप्लीमेंटेशन कमेटी को पुनर्गठित कर दिया है। इन कमेटियों में अब चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकतम विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल किए गए हैं ताकि सख्त कदमों के साथ प्रभावी परिणाम हासिल किए जा सकें। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “कमेटियां पहले भी थीं, लेकिन अब इन्हें और मजबूत करने के लिए ज्यादा विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को जोड़ा गया है। आने वाले दिनों में उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर प्राथमिक क्षेत्र और जमीनी एक्शन प्लान तय किया जाएगा।” हर महीने होगी प्रगति की समीक्षा ऑर्डर के मुताबिक स्टीयरिंग और मॉनिटरिंग कमेटी में 13 सदस्य शामिल होंगे, जिसका नेतृत्व चीफ सेक्रेटरी और अगुआई डिप्टी कमिश्नर करेंगे, जबकि इंप्लीमेंटेशन कमेटी 12 सदस्यों के साथ रोजाना एनसीएपी के कामों को लागू करेगी। पर्यावरण सचिव ने बताया कि यह पुनर्गठन केंद्र के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के निर्देशों के तहत किया गया है। अब स्टीयरिंग कमेटी हर तीन महीने में विस्तृत समीक्षा करेगी और हर महीने बैठक लेकर प्रगति पर नजर रखेगी। पर्यावरण निदेशक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और दोनों कमेटियों के बीच समन्वय सुनिश्चित करेंगे। खराब होती हवा ने बढ़ाई चिंता अधिकारियों के अनुसार शहर में धूल फैलाने वाली गतिविधियों और प्रदूषण बढ़ाने वाले स्रोतों पर नियंत्रण के लिए Air Act जल्द नोटिफाई किया जाएगा। इसके बाद मानकों और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी। इसकी मॉनिटरिंग भी तेज की जाएगी चंडीगढ़ में AQI कई दिनों से “मॉडरेट” से “पुअर” स्तर पर दर्ज हो रहा है, जबकि आसपास के राज्यों, खासकर दिल्ली में हवा “खराब” से “बेहद खराब” श्रेणी तक पहुंच चुकी है। ऐसे में प्रशासन की कोशिश है कि शहर की हवा बिगड़ते हालात तक न पहुंचे।