राज्य के सभी 38 जिलों के 3.72 लाख पेंशनधारियों की पेंशन बंद है। इसका कारण है कि समाज कल्याण विभाग पेंशनधारियों से जीवित होने का प्रमाणपत्र मांग रहा है, लेकिन ई-लाभार्थी पोर्टल नहीं खुलने से जीवन प्रमाणपत्र अपलोड ही नहीं हो रहा है। वहीं, कम उम्र और मृतक के नाम पर भी पेंशन लेने की शिकायत के बाद सामाजिक सुरक्षा विभाग ने वेरिफिकेशन कराया है। इसके बाद अब सीएससी से जांच के साथ ही सभी को ई-लाभार्थी पोर्टल पर लाइफ सर्टिफिकेट अपलोड कराने के लिए कहा गया है। लाइफ सर्टिफिकेट अपलोड नहीं होने से मुजफ्फरपुर में सर्वाधिक 36.7 हजार लाभुकों की पेंशन बंद है। इसी तरह पटना के 31516, गयाजी के 22576 और दरभंगा के 22576 पेंशनधारियों को पेंशन राशि नहीं मिल रही है। सरकार ने पेंशन राशि 400 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 1100 रुपए कर दिया है। जिले में 36.6 हजार का पेंशन भुगतान फंसा मुजफ्फरपुर के सभी प्रखंडों में वृद्ध, विधवा और दिव्यांग पेंशनधारियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं, क्योंकि ई-लाभार्थी पोर्टल पर ‘जीवन प्रमाणीकरण’ का विकल्प करीब दस माह से बंद रहने से 36.6 हजार लाभुकों का पेंशन भुगतान अटका है। जिले के सभी प्रखंडों में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभुकों की बड़ी संख्या है। मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था-विधवा-निःशक्तता, बिहार राज्य निशक्तता व लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के तहत लाभुक इसमें पंजीकृत हैं। आंकड़ों के अनुसार, जिले में बिहार दिव्यांग पेंशन के 1223, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन के 98, वृद्धावस्था पेंशन के 13889, विधवा पेंशन के 1676, लक्ष्मीबाई विधवा पेंशन के 2044 और मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के 13960 लाभुकों की पेंशन बंद है। ‘जीवन प्रमाणीकरण’ का विकल्प नहीं आता : लाभार्थियों का कहना है कि पोर्टल खुलने पर भी ‘जीवन प्रमाणीकरण’ का विकल्प नहीं आता, इससे कई महीनों से उनकी किस्तें नहीं आई हैं। जिनका आधार-मोबाइल लिंक नहीं है, बैंक खाते और आधार में नाम की स्पेलिंग/शब्द-भिन्नता है, केवाईसी लंबित है उनके पेंशन भुगतान पर भी रोक लगा दी गई है।