पराली जलाने की बजाय उसे सड़ाकर खत्म करने की तकनीक अपनाई

भास्कर न्यूज । लुधियाना सीटी यूनिवर्सिटी में आसपास के गांवों के उन 20 प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने पराली जलाने की बजाय उसे सड़ाकर खत्म करने की पर्यावरण-हितैषी तकनीक अपनाई। चांसलर चरनजीत सिंह चन्नी और प्रो चांसलर डॉ. मनबीर सिंह ने किसानों के प्रयासों को सराहते हुए कहा कि किसानों द्वारा उठाया गया यह कदम न सिर्फ हवा को प्रदूषण से बचाता है, बल्कि मिट्टी की सेहत को भी मजबूत करता है। यूनिवर्सिटी ने इसे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान बताया, जो स्थानीय समुदायों को जिम्मेदार खेती की ओर प्रेरित करेगा। कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि पराली को सड़ाने से खेतों में हानिकारक धुआं नहीं उठता और मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ बढ़ते हैं, जिससे खेत और अधिक उपजाऊ बनते हैं। किसानों के इस बदलाव से बेहतर पैदावार, साफ वातावरण और लंबे समय के लिए पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। चांसलर चरनजीत सिंह चन्नी ने कहा कि किसान देश की रीढ़ हैं और पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए उनका यह प्रयास काबिले-तारीफ है। प्रो चांसलर डॉ. मनबीर सिंह ने भी कहा कि सीटी यूनिवर्सिटी खेती से जुड़ी हर पर्यावरण-हितैषी पहल का समर्थन करती है और यह उदाहरण अन्य किसानों को भी प्रेरित करेगा। यूनिवर्सिटी ने ग्रामीण समुदायों के साथ मिलकर पर्यावरण जागरूकता फैलाने और टिकाऊ कृषि समाधान उपलब्ध कराने के संकल्प को दोहराया।

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