नालंदा जिले के सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या घट गई है। बीपीएससी के माध्यम से तीन चरणों में 5,679 नए शिक्षकों की बहाली हुई है और स्कूलों में बुनियादी संसाधन भी बढ़े हैं। इसके बाद भी स्कूलों 33,666 छात्रों की संख्या घटी है। यू-डायस पोर्टल के अनुसार, शैक्षणिक सत्र 2023-24 में जिले के सरकारी विद्यालयों में कुल 4,50,026 छात्रों का एडमिशन था। यह संख्या सत्र 2024-25 में घटकर 4,42,817 रह गई। यानी 7,211 विद्यार्थियों की कमी। लेकिन असली झटका तब लगा जब चालू शैक्षणिक सत्र 2025-26 के आंकड़े सामने आए। इस सत्र में केवल 4,09,151 विद्यार्थियों ने ही नामांकन कराया है। यानी पिछले एक साल में ही 33,666 विद्यार्थी गायब हो गए। यह संख्या किसी एक छोटे शहर के समस्त स्कूली बच्चों के बराबर है। दो वर्षों में कुल 40,877 छात्रों की कमी हुई है। विभाग के प्रयास बेअसर शिक्षा विभाग लगातार नामांकन बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चला रहा है। कभी ‘नामांकन अभियान’ तो कभी ‘विशेष प्रवेशिकोत्सव अभियान’ के माध्यम से अभिभावकों को प्रेरित किया जा रहा है कि वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाएं। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि ये प्रयास परिणाम देने में विफल साबित हो रहे हैं। फर्जी नामांकन का खुला राज शिक्षा विभाग के जानकार एक और पहलू की ओर इशारा करते हैं। उनका कहना है कि वास्तव में विद्यार्थियों की संख्या में इतनी बड़ी गिरावट नहीं आई है, बल्कि पहले जो फर्जी नामांकन होता था, वह अब रुक गया है। ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर छात्रों का आधार कार्ड अनिवार्य करने के बाद फर्जी नामांकन पर लगाम लगी है। इससे पहले कई स्कूलों में कागजों पर तो सैकड़ों बच्चे नामांकित होते थे, लेकिन वास्तविकता में उनकी संख्या बहुत कम होती थी। मिड-डे-मील के खाद्यान्न और राशि के गबन के कई मामले सामने आ चुके हैं। अधिक बच्चों की हाजिरी दिखाकर राशि हड़पने वाले कई प्राचार्यों पर कार्रवाई भी हुई है। समग्र शिक्षा के डीपीओ मो. शाहनवाज का कहना है कि आधार आधारित इंट्री शुरू होने के बाद वास्तविक नामांकन की तस्वीर सामने आई है। अब बनेगी ऑनलाइन हाजिरी फर्जी नामांकन और फर्जी अटेंडेंस को पूरी तरह रोकने के लिए अब जिले के सभी सरकारी विद्यालयों में छात्रों की ऑनलाइन हाजिरी बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए राज्य परियोजना निदेशक (एसपीडी) ने फिर से जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) को पत्र भेजा है। समग्र शिक्षा के डीपीओ मो. शाहनवाज ने बताया कि टैबलेट के माध्यम से बच्चों की ऑनलाइन हाजिरी बनाने के लिए जिला स्तरीय टीम का गठन कर लिया गया है। विभाग ने इसके लिए एक एजेंसी का चयन भी कर लिया है। जल्द ही प्राचार्यों और शिक्षकों को टैबलेट से बच्चों की उपस्थिति दर्ज करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे छात्रों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जा सकेगी।