वाराणसी से शुरू हुआ कोडीन सिरप का सिंडिकेट दुबई पहुंचा:सरगना ने पिता के फार्मा से शुरू किया, लखनऊ में उसका खास तो कोलकाता से बाप गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के वाराणसी से शुरू हुआ कोडीन युक्त कफ सिरप का अवैध कारोबार अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट बन चुका है। सिंडिकेट के सरगना ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के बाद नेपाल और बांग्लादेश में अपनी जड़ें जमाईं। फिर दुबई तक पहुंच गया।
मौजूदा समय में वह दुबई में बैठकर ड्रग के इस सिंडिकेट को चला रहा है। उत्तर प्रदेश टॉस्क फोर्स (UPSTF) और औषधि विभाग के अफसर उसके गुर्गों और बाप तक पहुंच गए हैं। उसके बारे में भी अहम जानकारियां हासिल हुई हैं। उस पर नकेल कसने की तैयारी चल रही है।
इस सिंडिकेट को लेकर हो रहीं ताबड़तोड़ कार्रवाइयों के बीच भास्कर रिपोर्टर ने UPSTF और औषधि विभाग के अफसरों से बातचीत की। उनसे पूरे सिंडिकेट को समझा, तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पता चला कि इस सिंडिकेट का नेटवर्क 100 करोड़ से अधिक का है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…. पहले जानिए STF और औषधि विभाग की ताजा कार्रवाइयों को… 9 जिलों में 98 फर्मों पर हुई FIR औषधि विभाग ने 28 और 29 नवंबर को 9 जिलों- वाराणसी, जौनपुर, कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, रायबरेली, चंदौली, सुल्तानपुर और गाजीपुर में कोडीन युक्त सिरप के खिलाफ कार्रवाई की। इन जिलों में 98 फर्मों में अवैध रूप से कोडीन युक्त सिरप पाई गई। इन सभी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई। इनमें सबसे ज्यादा 28 फर्में वाराणसी की हैं। इस सभी फर्मों का लाइसेंस रद्द किया गया। इन फार्मों से मिले डॉक्यूमेंट और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों से पता चला कि ड्रग का यह सिंडिकेट 100 करोड़ से अधिक का है। अब पढ़िए कैसे सामने आया सिंडिकेट… सोनभ्रद में चिप्स के कार्टन में 3 करोड़ की खेप पकड़ी गई 19 अक्टूबर को सोनभद्र में चिप्स के कॉर्टनों में छिपाकर ले जाई जा रही करीब 3 करोड़ रुपए कीमत की कोडीन युक्त कफ सिरप की बड़ी खेप पकड़ी गई। मध्य प्रदेश के तीन तस्कर-हेमंत पाल, बृजमोहन शिवहरे और रामगोपाल धाकड़-गिरफ्तार हुए।
शुरुआती जांच में आशंका जताई गई कि यह खेप नेपाल के रास्ते पाकिस्तान जानी थी। यह जानकारी होने पर STF ने मामले की गहनता से जांच शुरू की, तो ड्रग सिंडिकेट की परतें खुलीं। पता चला कि वाराणसी का रहने वाला शुभम जायसवाल इस सिंडिकेट का सरगना है। वाराणसी से दुबई जाकर चला रहा सिंडिकेट STF की जांच आगे बढ़ी, तो सामने आया कि शुभम जायसवाल मौजूदा समय में दुबई में है। उसने वाराणसी से सिंडिकेट शुरू किया था। उत्तर प्रदेश के जिलों के साथ-साथ इसे मध्य प्रदेश, राजस्थान और झारखंड तक पहुंचाया। उसके बाद नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान होते हुए दुबई तक नेटवर्क बना लिया।
इसके बाद से STF ने उस पर शिकंजा कसना शुरू किया। 27 नवंबर को लखनऊ के विभूति खंड, गौरी चौराहे के पास से अमित कुमार सिंह उर्फ अमित टाटा को गिरफ्तार किया। पूछताछ और डिजिटल साक्ष्यों से पता चला कि वह इस सिंडिकेट की अहम कड़ी है।
दुबई में बैठे शुभम जायसवाल का यहां नेटवर्क चलाता है। उसके मोबाइल डेटा से सप्लाई रूट, लेनदेन और सिंडिकेट के सदस्यों का सुराग मिला। शुभम का बाप भी दबोचा गया STF और औषधि विभाग ने जांच और कार्रवाई आगे बढ़ाई। पता चला कि शुभम जायसवाल का बाप भोला प्रसाद झारखंड में शैली ट्रेडर्स का मालिक है। वह भी सिंडिकेट से जुड़ा है। इसी फार्मा के जरिए शुभम जायसवाल ने ड्रग का सिंडिकेट शुरू किया था। भोला प्रसाद देश छोड़कर भागने वाला है।
30 नवंबर को सोनभद्र पुलिस ने भोला प्रसाद को कोलकाता एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया। वह थाईलैंड भागने की फिराक में था। अब पढ़िए कैसे काम करता था ड्रग सिंडिकेट… फार्मेसी से लेकर घरों में चलने वाले सेंटरों तक जड़ें औषधि विभाग की जांच में यह तथ्य सामने आया कि बिना डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन के कोडीन युक्त सिरप फार्मेसी, घरों में चलने वाले सेंटरों और मोहल्लों में खुलेआम बेचा जा रहा था। फर्जी बिलिंग, नकली फर्में, कागजों में अलग मालिक और जमीन पर अलग संचालक इस सिंडिकेट का मॉडल था। जांच में कुछ नामी निर्माता कंपनियों एबॉट, लेबोरेट और थ्री-बी हेल्थकेयर की सप्लाई चेन का दुरुपयोग पाया गया। कंपनियों को सीधे आरोपी नहीं बनाया गया है, लेकिन उनके डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में खामियों की गहन जांच की जा रही है। पुख्ता साक्ष्य मिलने पर इन पर भी कार्रवाई होगी। ड्रग सिंडिकेट से सूबे की सियासत भी गरमाई है ड्रग सिंडिकेट को लेकर सियासत भी गरमा गई है। लखनऊ में मुख्यमंत्री स्तर पर बैठक हुई है। रिपोर्ट तलब की गई और मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इसके बाद STF ने पुराने मामलों की फाइलें भी खंगालनी शुरू की हैं। औषधि विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को सतत निगरानी के निर्देश दिए हैं। स्पष्ट किया है कि प्रदेश में कोडीन सिरप अब सिर्फ RMP डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन पर ही बेचा जाएगा।
———————— ये खबर भी पढ़िए… पलायन के पोस्टर…हनुमान चालीसा फिर गुरुद्वारे के बाहर मीट : मेरठ के हिंदू एरिया में मुस्लिम के मकान खरीदने पर बवाल यूपी के मेरठ में हिंदू-सिख बाहुल्य क्षेत्र में एक मुस्लिम व्यक्ति के मकान खरीदने से शुरू हुआ विवाद अब कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बनता जा रहा है। पहले दिन स्थानीय लोगों ने पलायन के पोस्टर लहराए। दूसरे दिन हिंदू संगठनों ने पुलिस स्टेशन में हनुमान चालीसा पढ़ी। तीसरे दिन इसी मकान के बगल में गुरुद्वारे के बाहर स्कूटी सवार अज्ञात व्यक्ति मीट फेंककर चले गए। (पूरी खबर पढ़िए)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *