सोनीपत के आदित्य मर्डर मामले में विश्वामित्र का कबूलनामा:पैसों के लिए किड़नैपिंग-फिरौती-हत्या की प्लानिंग की; पूरी साजिश का खुलासा, गांव में आज पंचायत

सोनीपत के सांदल कलां गांव के आदित्य हत्याकांड में रोज नए सनसनीखेज खुलासे सामने आ रहे हैं। इस मामले ने न सिर्फ गांव बल्कि पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। पुलिस ने मुख्य आरोपी विश्वामित्र को गिरफ्तार कर पांच दिन की रिमांड पर लिया था, जिसके बाद कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई हैं। अब हत्या आरोपी विश्वामित्र ने रिमांड के दौरान पुलिस के सामने क्या-क्या खुलासे किए, उन्हीं खुलासों के आधार पर पूरी कहानी सामने आ रही है। आदित्य के पिता बोले- रिमांड में कबूला जुर्म आदित्य के पिता सोमपाल ने बताया कि पुलिस द्वारा उनको जानकारी दी गई है कि रिमांड के दौरान आरोपी विश्वामित्र ने स्वीकार किया कि उसने 10 दिसंबर की दोपहर ही आदित्य की हत्या कर दी थी। हत्या के बाद उसने शव को कई घंटों तक अपने घर में ही रखा। अगले दिन 11 दिसंबर की सुबह शव को सेल्फ ड्राइविंग सफेद स्विफ्ट कार में डालकर नहर में फेंक दिया। पुलिस ने इस कार को जब्त कर लिया है। फिरौती की प्लानिंग, पहले ही बना ली थी पूरी साजिश पिता सोमपाल ने बताया कि पुलिस ने उन्हें जानकारी दी है कि विश्वामित्र ने पहले से ही पूरी साजिश रच रखी थी। उसकी योजना आदित्य का अपहरण कर फिरौती मांगने और बाद में उसकी हत्या करने की थी। विश्वामित्र को यह जानकारी थी कि सोमपाल ने अपनी जमीन बेच दी है, जो करीब 2 करोड़ 35 लाख रुपए में बिकी थी और उसमें से 25 लाख रुपए बयाने के तौर पर मिले थे। आर्थिक तंगी और कर्ज ने बनाया हत्यारा पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी विश्वामित्र आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। उस पर कर्ज भी था और उसे पैसों की सख्त जरूरत थी। यही वजह थी कि वह पहले भी आदित्य के पिता से 30 हजार रुपए उधार ले चुका था। कर्ज चुकाने के दबाव में उसने इस खौफनाक वारदात की योजना बनाई। कई बार घर बुलाने की कोशिश, 10 दिसंबर को फंसा जाल में जानकारी के मुताबिक, विश्वामित्र पहले भी कई बार आदित्य को अपने घर बुलाने की कोशिश कर चुका था, लेकिन आदित्य हर बार उसके घर जाने से बचता रहा। 10 दिसंबर को आरोपी ने पैसे देने के बहाने आदित्य को फोन किया और अपने घर बुला लिया। इसी दिन वारदात को अंजाम दिया गया। तेजधार हथियार से किया हमला, मौके पर ही मौत
पहले से बनाई प्लानिंग के तहत ही आरोपी ने आदित्य के अपने घर में घुसते ही बेहोश करने के इरादे से उस पर दा (दरातीनुमा तेजधार हथियार) से वार किया। वार इतना घातक था कि थोड़ी ही देर में आदित्य की मौत हो गई। इसके बाद आरोपी ने वीडियो बनाकर भेजा और फिरौती का मैसेज किया, ताकि मामला अपहरण जैसा लगे। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किया गया दा हथियार और आदित्य का मोबाइल फोन बरामद कर लिया है। 14 लाख रुपए के लालच में हत्या का आरोप मृतक के पिता सोमपाल का आरोप है कि उनके बेटे की हत्या 10–20 हजार रुपए के लिए नहीं, बल्कि 14 लाख रुपए के लालच में की गई। हाल ही में जमीन बेचकर मिले 25 लाख रुपए में से 14 लाख रुपए आदित्य के खाते में डलवाए गए थे। आरोप है कि विश्वामित्र को इस रकम की जानकारी थी, लेकिन उसे यह नहीं पता था कि ये 14 लाख रुपए कुछ दिन पहले ही खाते से निकाल लिए गए थे। एक से ज्यादा लोगों की भूमिका पर शक सोमपाल ने बताया कि 10 दिसंबर को जब आदित्य लापता हुआ, तो उसके ममेरे भाई ने आदित्य को फोन किया था। कॉल के दौरान पीछे से कई आवाजें सुनाई दे रही थीं, जिससे परिवार को शक है कि इस हत्याकांड में एक से ज्यादा लोग शामिल हो सकते हैं। परिवार का कहना है कि अकेला व्यक्ति शव को उठाकर गाड़ी में डालकर ठिकाने कैसे लगा सकता है। गांव में आज सत-गामा पंचायत आदित्य हत्याकांड को लेकर रविवार को गांव में सतगामा पंचायत होगी। पंचायत ने पुलिस को पहले ही तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था। पंचायत और परिवार का कहना है कि अकेला विश्वामित्र यह हत्या नहीं कर सकता और इसमें अन्य लोगों की भी भूमिका हो सकती है। यदि पुलिस परिवार को संतुष्ट नहीं कर पाई तो आगे बड़ा फैसला लिया जाएगा। पुलिस का दावा, अकेला विश्वामित्र ही दोषी दूसरी ओर पुलिस साफ कर चुकी है कि हत्या की इस वारदात में केवल विश्वामित्र ही शामिल था। पांच दिन की रिमांड पूरी होने के बाद कोर्ट के आदेश पर आरोपी को जेल भेज दिया गया है। एसीपी ऋषिकांत के अनुसार पुलिस की कई टीमें शुरू से ही हर एंगल से जांच कर रही हैं और लगातार कार्रवाई जारी है। परिवार में निराशा, जांच से संतुष्ट नहीं परिजन परिजनों का कहना है कि पुलिस ने शुरुआती दौर में तेजी से कार्रवाई करते हुए आरोपी को पकड़ लिया, लेकिन अन्य संभावित आरोपियों तक अभी तक नहीं पहुंच पाई। इसी वजह से परिवार में निराशा है और वे इस मामले में पूरी सच्चाई सामने लाने की मांग कर रहे हैं।

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