पटना में जक्कनपुर थाने की पुलिस ने ऑटो लिफ्टर गैंग के 7 शातिरों को पकड़ा है। पहली 2 गिरफ्तारी मीठापुर बाईपास से हुई। इनकी निशानदेही पर 2 नाबालिग भी कल पकड़े गए। आज खुलासा हुआ है कि ये लूट की मोबाइल को दुकानदार के माध्यम से नेपाल में बेचते थे। वहां से अब तक 7 लाख रुपए का भुगतान हो चुका है। 2 दिन पहले पुलिस ने पहले 2 बदमाशों को पकड़ा। इनकी पहचान राघोपुर वैशाली निवासी विनय कुमार और पटना धनरूआ निवासी सूरज कुमार के तौर पर हुई। इनकी निशानदेही पर एक नेटवर्क का खुलासा हुआ है। अब तक इस मामले में 7 शातिर बदमाश पकड़े गए हैं। फिलहाल इनकी निशानदेही पर पटना पुलिस नेपाल के नेटवर्क की तलाश कर रही है। वॉट्सऐप के जरिए भेजते थे फोटो विनय और सूरज की निशानदेही पर कल दो नाबालिग पकड़े गए। दोनों नाबालिगों ने पुलिस को बताया कि वॉट्सऐप के जरिए छोटू नाम के शख्स को तस्वीर भेजते थे। फिर उससे डील पक्की होती थी। अब इनकी निशानदेही पर छोटू पकड़ा गया। छोटू ने पुलिस को बताया कि वो नाला रोड स्थित चश्मा दुकान में मोबाइल देता था। फिर चश्मा दुकानदार आदित्य कदमकुआं के रहने वाले शिवम को लूट का मोबाइल देता था। इसके बाद शिवम मोबाइल को खपाता था। नेपाल से जुड़े ट्रांजेक्शन का पूरा डेटा बरामद पूछताछ में शिवम ने खुलासा किया कि वह इन मोबाइलों को एक अन्य व्यक्ति को देता था, जो बस के माध्यम से नेपाल भेजता था। इसके बदले उसे नेपाल से अकाउंट के जरिए लाखों रुपए का भुगतान किया गया है। पुलिस ने शिवम के मोबाइल की जांच के दौरान नेपाल से जुड़े ट्रांजेक्शन का पूरा डेटा बरामद किया है। मोबाइल में ‘घोस्ट’ नाम से सेव एक संदिग्ध नंबर भी मिला है, जिससे नेटवर्क के अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की पुष्टि हुई है। फिलहाल, सभी गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पुलिस आरोपियों से मिले इनपुट के आधार पर नेपाल कनेक्शन से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुट गई है और पूरे मामले की छानबीन जारी है। इसमें और भी शातिर हो सकते हैं। पूर्वी एसपी परिचय कुमार ने बताया है कि नेपाल से मनी ट्रेल की जानकारी मिली है। इसकी पूरी छानबीन चल रही है।