बहनों के सुसाइड के बाद पालतू डॉग की मौत:लखनऊ में होगा क्रिया-कर्म, सगी बहनों ने फिनायल पीकर दी थी जान

लखनऊ के पारा थाना क्षेत्र में 2 सगी बहनों के सुसाइड के बाद उनके पालतू डॉग ‘टोनी’ की भी मौत हो गई। टोनी पेट की बीमारी से जूझ रहा था। 27 दिसंबर, शनिवार सुबह उसकी मौत हुई है। परिवार वाले टोनी का अंतिम संस्कार और क्रिया-कर्म करेंगे। घटना पारा थाना क्षेत्र के दोदा खेड़ा, जलालपुर गांव का है। यहां कैलाश सिंह परिवार के साथ रहते हैं। उनकी 2 बेटियों राधा सिंह और जिया सिंह ने जर्मन शेफर्ड नस्ल का डॉग पाल रखा था, जिसका नाम टोनी था। वह 1 माह से बीमार था। इससे डिप्रेशन में आकर राधा और जिया ने 24 दिसंबर को सुसाइड कर लिया था। पहले जानिए क्या है पूरा मामला… मां ने दोनों बहनों को दुकान पर भेजा था पारा थाना क्षेत्र के दोदा खेड़ा जलालपुर निवासी कैलाश सिंह (65) की दो बेटियों राधा सिंह (27) और जिया सिंह (24) ग्रेजुएशन पासआउट थीं। दोनों बहनों ने जर्मन शेफर्ड नस्ल का एक डॉग पाल रखा था। उसका नाम टोनी था। वह 1 माह से बीमार था। उसका इलाज चल रहा था। बावजूद इसके उसकी तबीयत सही नहीं हो रही थी। राधा और जिया को आशंका थी कि उनका डॉग अब नहीं बचेगा। दोनों बहनें डिप्रेशन में रहने लगीं। 24 दिसंबर को उनकी मां गुलाबा देवी ने दोनों बहनों को सामान खरीदने दुकान पर भेजा। दुकान से फिनायल पीकर पहुंचीं दोनों बहनें कुछ देर बाद दोनों बहनें घर पहुंचीं। मां गुलाबा देवी को बताया कि दोनों ने दुकान से खरीदकर फिनायल पी लिया है। टोनी को भगाना मत। उसका इलाज कराना। यह कहकर दोनों बेहोश हो गईं। मां गुलाबा देवी ने बड़े बेटे वीर सिंह को फोन कर इसकी सूचना दी। वीर के घर पहुंचने से पहले आस-पड़ोस के लोगों की मदद से दोनों बहनों को रानी लक्ष्मी बाई अस्पताल पहुंचाया गया। रास्ते में ही राधा की मौत हो चुकी थी। जिया ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। 9 साल से पाल रखा था, पेट की बीमारी थी परिवार के लोगों ने बताया कि राधा और जिया 9 साल पहले टोनी को लेकर आई थीं। तब वह मात्र एक माह का था। दोनों बहनों का उससे बहुत ज्यादा लगाव था। दोनों बहनें छोटी यात्राओं या आस-पास उसे लेकर जाती थीं। उसे खाने में अंडे बहुत पसंद थे। एक माह से टोनी पेट की गंभीर बीमारी से परेशान था। दोनों बहनें उसका उपचार करा रही थीं। बावजूद इसके उसकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था। उसकी बिगड़ती हालत के कारण दोनों बहनें तनाव में थीं। इसकी वजह से दोनों ने 24 दिसंबर को फिनायल पीकर जान दे दी थी। टोनी की भी मौत हुई, क्रिया-कर्म करेगा परिवार परिवार के लोगों ने बताया कि टोनी की शनिवार सुबह मौत हो गई। उसके लिए राधा और जिया ने अपनी जान दे दी। दोनों ने मरने से पहले उसकी देखभाल और उपचार कराने को कहा था। हम लोग उसका उपचार करा रहे थे। बावजूद उसकी जान नहीं बचा पाए। टोनी का अंतिम संस्कार करने के बाद उसका क्रिया-कर्म भी करेंगे। अब पढ़िए परिजनों और पड़ोसियों ने जो कहा… सोशल मीडिया और सोशल गैदरिंग से बनाई दूरी परिवार के लोगों ने बताया- दोनों बहनें करीब 6 साल से अपने में ही रहती थीं। शादी-पार्टी में भी नहीं जाती थीं। फोटो-वीडियो का भी शौक नहीं था। हालांकि, दोनों बहनों के बीच काफी लगाव था। दोनों अपना खाना भी अलग बनाती थीं। उसमें से सिर्फ अपने डॉग को ही खिलाती थीं। परिवार के अन्य लोगों को खाना नहीं देती थीं। उनका खाना अलग बनता था। भूत-प्रेत की आशंका के चलते बालाजी ले गए थे मोहल्ले के लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया- परिवार वाले दोनों बहनों पर भूत-प्रेत का साया मानते थे। इस वजह से कई बार उन्हें झाड़-फूंक के लिए बालाजी ले गए थे, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ था। कुत्ता बीमार हो तो खाना छोड़ देती थीं पड़ोसी लखनलाल ने बताया- दोनों अपने डॉगी टोनी को बहुत प्यार करती थीं। अगर वह खाना न खाए तो वे दोनों भी खाना छोड़ देती थीं। पिछले दिनों से जब से कुत्ता बीमार था, तब से वे दोनों बहनें ज्यादा ही डिप्रेशन में रह रही थीं। मोहल्ले में लड़कों से सबसे ज्यादा झगड़ा करती इलाके के लोगों ने नाम ने छापने की शर्त बताया कि दोनों बहनें किसी से बातचीत नहीं करती थी। मोहल्ले में रहने वाले लड़कों से सबसे ज्यादा झगड़ती थी। जिन-जिन परिवार से झगड़ा हो गया, उनसे कभी भी बात नहीं करती थीं। मौत का कारण अब भी साफ नहीं इंस्पेक्टर पारा सुरेश सिंह का कहना है कि पोस्टमॉर्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया था। मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। विसरा सुरक्षित किया गया है। रिपोर्ट और परिवार के बयान के आधार कार्रवाई की जाएगी। ————— संबंधित खबर भी पढ़िए… लखनऊ में दो बहनों ने डॉग के लिए सुसाइड किया:एक महीने से बीमार था; मरते-मरते मां से बोलीं- उसे भगाना नहीं, दवा कराना लखनऊ से एक हैरान वाली खबर सामने आई है। यहां 24 और 22 साल की दो सगी बहनों ने अपने पालतू डॉग के लिए जान दे दी। डॉग 1 महीने से बीमार है। उसकी लगातार दवा चल रही थी, लेकिन कुछ सुधार नहीं हो रहा था। पूरी खबर पढ़ें

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