हिमाचल प्रदेश में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) शिमला के डॉ. राघव निरूला की बर्खास्तगी के विरोध में राज्यभर के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। इस हड़ताल का सीधा असर रामपुर के खनेरी अस्पताल पर पड़ रहा है, जहां शिमला, किन्नौर, कुल्लू और लाहौल-स्पीति जैसे चार जिलों के हजारों मरीज इलाज के लिए निर्भर रहते हैं। हड़ताल के कारण खनेरी अस्पताल में सभी रूटीन ऑपरेशन अस्थायी रूप से रोक दिए गए हैं। हालांकि, मरीजों की जान बचाने के लिए आपातकालीन सेवाएं पूरी तरह से चालू रखी गई हैं। गंभीर मरीजों के लिए इमरजेंसी ऑपरेशन भी किए जा रहे हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि हड़ताल के दौरान आवश्यक सेवाओं को न्यूनतम स्तर पर सुचारू रखने का प्रयास किया जा रहा है। डॉक्टरों ने कार्रवाई को बताया अन्यायपूर्ण हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन रामपुर की अध्यक्ष डॉ. सुचिता पालमो नेगी ने डॉक्टरों की मुख्य मांग बताई। उन्होंने कहा कि IGMC शिमला के डॉ. राघव निरूला के खिलाफ की गई बर्खास्तगी की कार्रवाई को तुरंत रद्द किया जाए। डॉक्टरों का कहना है कि यह कार्रवाई अन्यायपूर्ण है और इससे पूरे चिकित्सा समुदाय में भारी रोष है। जब तक सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। मरीजों को ऑपरेशन के लिए दी जा रही नई तारीखें शनिवार को रामपुर के खनेरी अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल के कारण सबसे अधिक परेशानी उन मरीजों को हुई, जिनके रूटीन ऑपरेशन पहले से तय थे। दूर-दराज के क्षेत्रों से आए कई मरीजों को अब ऑपरेशन की नई तारीखें दी जा रही हैं। मरीजों और उनके तीमारदारों ने सरकार से जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकालने की अपील की है, ताकि सेवाएं पूरी तरह से बहाल हो सकें।