सहारनपुर में भाजपा विधायक राजीव गुंबर ने समीक्षा बैठक में 50 हजार की गड्डी मेज पर पटक दी। एक्सईएन से बोले- कुछ तो शर्म करो। मुझे पता है बिना पैसे आप लोग काम नहीं करेंगे। इसलिए मैं पहले से ही रुपए लेकर आया हूं। अगर और चाहिए तो मेरे घर से मंगवा लो। जनता के काम के लिए मैं अपनी जेब से देने को तैयार हूं। बीच सड़क पर बिजली पोल आप लोगों ने लगा दिया। अब हटाने के लिए जनता से पैसे मांग रहे हो। शर्म नहीं आती। एक साल से व्यापारी लोग परेशान हैं। अब बहानेबाजी नहीं चलेगी। काम कीजिए। दोबारा मेरे पास शिकायत नहीं आनी चाहिए। सोमवार को सर्किट हाउस में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक थी। इसमें जिले के सभी अफसर थे। मीटिंग में विधायक राजीव गुंबर ने कहा- प्रतापनगर मार्केट की रोड पर बीच में एक बिजली का पोल लगा हुआ है। इसे हटाने के लिए कई बार मांग की जा चुकी है। विधायक बोले- पोल आपने गलत लगाए, पैसे जनता क्यों दे
विधायक राजीव गुंबर ने कहा- जनता जब आप लोगों (SDO शुभम नायक की तरफ देखते हुए) के पास समस्या लेकर जाती है, तो आप अजीब तर्क देते हो। आप लोग कहते हो कि पोल हटाने के लिए पहले जनता से पैसा जमा कराओ, तभी हटाएंगे। उन्होंने कहा- जब पोल आपने गलत लगाए हैं, तो हटाने का खर्च जनता क्यों उठाए? ये विभाग की जिम्मेदारी है। इस दौरान बिजली विभाग के अफसरों ने कहा- पोल हटाने के लिए प्रक्रिया है। बजट भी नहीं है। इसके लिए एस्टीमेट बना रहे हैं। यह सुनते ही विधायक राजीव गुंबर भड़क गए। इसके बाद उन्होंने अपनी जेब से 50 हजार रुपए निकाले। विधायक ने कहा- अब बहानेबाजी नहीं काम चाहिए
विधायक ने कहा कि आप लोग बगैर पैसे काम नहीं करते हो, इसलिए मैं पैसे लेकर आया हूं। इस दौरान बिजली विभाग के अधिकारी सफाई देते नजर आए। लेकिन विधायक ने साफ कर दिया कि अब कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी। काम चाहिए। जब सड़क पर बिजली के खंभे ही खतरनाक तरीके से लगे हों, तो हादसे के जिम्मेदार कौन होंगे? अधिकारी अपनी गलती छिपाने के लिए जनता से वसूली कर रहे हैं। ये कोई पहला मामला नहीं है, जब राजीव गुंबर का ऐसा तीखा रुख सामने आया हो। हाल ही में उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकारियों को बस अड्डे की दुर्दशा पर फटकार लगाई थी। डॉक्टरों से कहा था- दिमाग ठीक कर लो, यहां नहीं रहने दूंगा
7 मार्च यानी प्रधानमंत्री जनऔषधि दिवस पर जिला अस्पताल में कार्यक्रम था। इसमें डॉक्टरों ने मुख्य अतिथि के रूप में सिटी विधायक राजीव गुंबर को बुलाया था। उस समय विधायक ने डॉक्टरों ही फटकार लगा दी थी। उन्होंने कहा था- अस्पताल में आने वाले मरीजों के तीमारदारों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। लेकिन स्वास्थ्यकर्मी अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा रहे हैं। दिमाग ठीक कर लो, यहां नहीं रहने दूंगा। फोन नहीं उठाते हो। मरीज शिकायत करते हैं। आपके जैसे डॉक्टरों की वजह से अस्पताल का नाम बदनाम हो रहा है। जून 2024 में अस्पताल के हाउसकीपिंग मैनेजर को लगाई थी फटकार जून, 2024 को कायाकल्प में सहारनपुर जिला अस्पताल को पहला स्थान मिला था। इसके बाद राजीव गुंबर अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए पहुंच थे। निरीक्षण के दौरान अस्पताल में खामियां मिली थी। इमरजेंसी वार्ड में पहुंचने पर उन्होंने मरीजों से बात की थी। वार्ड में पीने के पानी की व्यवस्था न होने, शौचालयों में साफ-सफाई न होने पर विधायक जिला अस्पताल के सुपरिटेंडेंट इन चीफ डॉ. रामानंद पर भड़क गए थे। उन्होंने हाउसकीपिंग मैनेजर विक्रांत को खूब फटकार लगाई थी। …………… ये खबर भी पढ़िए- इकरा हसन से निकाह कबूल….कहने वाले पर FIR, करणी सेना उपाध्यक्ष बोला- माफी नहीं मांगूंगा, आजम खान अंतर्वस्त्र पर कमेंट करें तो जायज सांसद इकरा हसन से निकाह कबूल कहने वाले करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष योगेंद्र राणा पर मुरादाबाद में FIR हुई। रविवार को महिला वकील सुनीता की शिकायत पर कटघर थाने में केस दर्ज कराया गया। उन्होंने कहा- योगेंद्र राणा का बयान सामाजिक सौहार्द, महिला सम्मान और मर्यादा के खिलाफ है। इससे एक महिला जनप्रतिनिधि की गरिमा को ठेस पहुंची है। यहां पढ़ें पूरी खबर