BJP सांसद के बेटे को AAG बनाने से पीड़िता भड़की:पूर्व IAS अफसर की बेटी ने 4 पेज की पोस्ट डाली; लड़की का पीछा करने का आरोपी विकास

हरियाणा सरकार ने BJP के राज्यसभा सांसद सुभाष बराला के बेटे विकास बराला को असिस्टेंट एडवोकेट जनरल (AAG) नियुक्त किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। विकास बराला वही शख्स हैं, जिन पर 2017 में चंडीगढ़ में तत्कालीन IAS अफसर की बेटी का पीछा करने और किडनैपिंग की कोशिश के आरोप है। जिस समय ये घटना हुई थी, उस समय सुभाष बराला ही हरियाणा में BJP के प्रदेशाध्यक्ष थे। विकास बराला इस केस में फिलहाल जमानत पर बाहर हैं और मुकदमा अभी कोर्ट में लंबित है। सरकार के फैसले पर अब पीड़िता ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने चार पेज का एक फेसबुक पोस्ट लिखकर कहा- यह केवल एक राजनीतिक फैसला नहीं बल्कि नैतिक मूल्यों की परीक्षा है। विकास बराला की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस और इनेलो के विधायक भी सामने आ गए हैं। कांग्रेस विधायक जस्सी पेटवाड़ और इनेलो विधायक आदित्य चौटाला ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे भाई-भतीजावाद और लोकतंत्र का अपमान बताया है। विपक्षी नेताओं ने सरकार से इस फैसले को तुरंत रद्द करने की मांग की है। उधर, जींद में विकास बराला पर पूछे गए सवाल पर शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा, “सुभाष बराला के बेटे को क्या सात समुंदर पार छोड़ कर आओगे? वो भी तो किसी का बेटा है। फिर तो एक काम करें, नेताओं के बच्चे पढ़ना छोड़ दें। क्या नेता होना कोई जुर्म हो गया? उसका बेटा अपनी मेहनत से पढ़ा है। अपनी मेहनत से आगे जाए कि नहीं जाए? फिर तो नेता के बच्चे कोई काम ना करें, ना वो कोई काम करें।” पीड़िता ने फेसबुक पर जारी किया ये पोस्ट… फेसबुक पोस्ट में लिखीं 4 अहम बातें… अब पढ़िए आखिर क्या है पूरा मामला
दरअसल, हरियाणा सरकार की ओर से भाजपा के राज्यसभा सांसद सुभाष बराला के बेटे विकास बराला को असिस्टेंट एडवोकेट जनरल (AAG) बनाया गया है। जो लिस्ट जारी की गई, उसमें विकास बराला के नाम के आगे सिर्फ विकास लिखा गया। उसका पता भी फतेहाबाद की बजाय चंडीगढ़ का दिखाया गया है। इन आदेशों के सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में विकास की नियुक्ति पर विवाद भी शुरू हो गया है। विकास बराला IAS अधिकारी की बेटी का पीछा कर यौन उत्पीड़न का आरोपी है। इस केस में अभी वह जमानत पर बाहर चल रहा है। जस्सी पेटवाड़ और आदित्य चौटाला जता चुके आपत्ति
इस मामले में विपक्षी दल कांग्रेस व इनेलो के विधायक आपत्ति जता चुके हैं। इनमें नारनौंद से कांग्रेस विधायक जस्सी पेटवाड़ व डबवाली से इनेलो विधायक आदित्य चौटाला शामिल हैं। जस्सी पेटवाड़ ने कहा है कि भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। अपहरण, लूट और संगीन मामलों में लिप्त लोगों को सरकार AAG जैसे संवेदनशील पदों पर बैठा रही है और ऊपर से सुशासन की बातें भी करती है। ये जनता की आंखों में धूल झोंकने जैसा है। पेटवाड़ ने आगे कहा- मैं पूछना चाहता हूं कि राज्यसभा सांसद सुभाष बराला के बेटे विकास बराला को AAG नियुक्त करना कहां तक न्यायसंगत है? क्या यही है भाजपा का ट्रांसपेरेंट प्रशासन? क्या योग्यता और चरित्र का अब कोई मूल्य नहीं रह गया?
जिस प्रदेश की जनता आज भी न्याय और सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रही है, वहां अपराधियों को पुरस्कृत करना लोकतंत्र का मजाक है। मैं इसका कड़ा विरोध करता हूं और सरकार से अपील करता हूं कि ऐसे निर्णयों को तुरंत वापस लिया जाए। इनेलो विधायक बोले- बीजेपी ने भाई-भतीजावाद किया
इनेलो के डबवाली से विधायक आदित्य चौटाला ने भी विकास बराला की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि एजी ऑफिस में जितनी भी नियुक्तियां हुई हैं, उसमें बीजेपी ने भाई-भतीजावाद किया है। बीजेपी नेताओं के परिजनों को एडजस्ट किया गया है। अंडर ट्रायल क्रिमिनल को लॉ ऑफिसर बना दिया है, यह कितनी अंधेरगर्दी है। सारे सिफारिशी लगाए हैं। आदित्य चौटाला ने सभी 92 लॉ ऑफिसरों की नियुक्ति रद्द करने और पारदर्शी तरीके से दोबारा चयन करने की मांग की है। अब पढ़िए क्या था पूरा मामला जो पीड़िता ने उठाया था 1. 2017 का मामला
4 अगस्त 2017 की रात को चंडीगढ़ में आईएएस अफसर की बेटी के साथ छेड़छाड़ की कोशिश की गई थी। आरोप है कि विकास बराला और उसके दोस्त आशीष कुमार ने इस वारदात को अंजाम दिया। युवती के मुताबिक, रात करीब 12:15 बजे वह सेक्टर-8 मार्केट से अपनी कार में घर के लिए निकली थी और फ्रेंड से फोन पर बात कर रही थी। तभी सेक्टर-7 के पास उसे महसूस हुआ कि एक टाटा सफारी उसका पीछा कर रही है। जब उसने रास्ता बदलने की कोशिश की तो आरोपियों ने रास्ता रोक दिया और उसे सेक्टर-26 की तरफ गाड़ी ले जाने के लिए मजबूर कर दिया। 2. गाड़ी भगाकर बचाई जान
पीड़िता ने बताया कि वह अगली सड़क पर मुड़ने की कोशिश कर रही थी, लेकिन आरोपियों ने फिर से रास्ता बंद कर दिया। उनमें से एक युवक गाड़ी से उतरा और उसकी कार की तरफ बढ़ा। इस पर युवती ने तुरंत कार रिवर्स की, दाईं ओर मोड़ा और तेजी से भाग निकली। इसी दौरान उसने 100 नंबर पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी और अपनी लोकेशन भी शेयर की। इसके साथ ही उसने पिता को भी मामले की जानकारी दी। पीड़िता के मुताबिक, जब वह सॉलिटेयर होटल के पास पहुंची तो आरोपियों ने एक बार फिर रास्ता घेर लिया। अब उसके पास भागने का कोई रास्ता नहीं था। एक आरोपी गाड़ी से उतरा और कार का दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन सेंट्रल लॉक होने के कारण वह सफल नहीं हो सका। 3. युवती ने फोन कर गिरफ्तार करवाया
पीड़िता ने बताया कि उसी समय PCR वैन मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने पीछा करते हुए दोनों आरोपियों को हाउसिंग बोर्ड लाइट पॉइंट के पास धर दबोचा। युवती की कॉल पर ही गिरफ्तारी हुई। इसके बाद दोनों के खिलाफ FIR दर्ज की गई और मामला सुर्खियों में आ गया। तभी से यह केस लगातार चंडीगढ़ की कोर्ट में चल रहा है। 4. इन पर चल रहा है केस
इस मामले में विकास बराला और आशीष पर भारतीय दंड संहिता की धारा 363 और 511 के तहत केस दर्ज किया गया था। जैसे-जैसे मामला तूल पकड़ता गया, इन पर लड़की का पीछा करने, जबरन रास्ता रोकने, किडनैपिंग की कोशिश और छेड़छाड़ जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ।

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