हरियाणा में ग्रुप-C की भर्ती के लिए हो रही CET परीक्षा के लिए सरकार ने 9200 बसें लगाई हैं। अब इन बसों के ईंधन (पेट्रोल-डीजल) की व्यवस्था को लेकर सरकार ने काम शुरू कर दिया है। सरकार ने फैसला लिया है कि हर जिले में डीसी (उपायुक्त) की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाएगी, जो बसों के लिए ईंधन का इंतजाम करेगी। ये कमेटी 5-6 नजदीकी पेट्रोल पंप तय करेगी, जहां से बसों को पेट्रोल-डीजल मिलेगा। साथ ही, कमेटी पेट्रोल पंप मालिकों से रेट को लेकर बातचीत (मोलभाव) भी करेगी, ताकि खर्च कम हो। इसको लेकर सरकार ने सभी जिलों के डीसी को चिट्ठी भेज दी है और उन्हें जल्द कार्रवाई करने को कहा गया है। कमेटी में ये अधिकारी होंगे शामिल सरकार की ओर से बसों के डीजल-पेट्रोल के लिए बनाई जाने वाली कमेटी का चेयरमैन जिले का डीसी बनाया गया है। इस कमेटी में डीसी के अलावा जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी, रोड ट्रांसपोर्ट ऑफिसर और रोडवेज के जीएम को शामिल किया गया है। इस कमेटी के जरिए ही बसों के पेट्रोल और डीजल के रेट तय किए जाएंगे। ये कमेटी ये भी सुनिश्चत करेगी कि पेट्रोल डलाते समय कही भी जाम की स्थिति न बने। इसलिए बनाई गई कमेटी 2022 और 2023 में हुए सीईटी के दौरान रोडवेज बसों में ईंधन को लेकर काफी परेशानी हुई थी। उस दौरान रोडवेज की ओर से ही सभी सरकारी और प्राइवेट बसों को डीजल दिया गया था, इस दौरान काफी भीड़ हो जाने के कारण परेशानी हुई थी। पिछले अनुभवों से सबक लेते हुए सीईटी के लिए लगाई गई बसों में डीजल-पेट्रोल की जिम्मेदारी जिला प्रशासन को दी गई है। 9200 बसों का किया गया इंतजाम हरियाणा सरकार की ओर से सीईटी अभ्यर्थियों को लाने और ले जाने के लिए करीब 9200 का इंतजाम किया गया है। इनमें सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह की बसें शामिल हैं। यह पहली बार है कि शहर के अंदर अभ्यर्थियों को लाने और ले जाने के लिए ई-बसों का इंतजाम किया गया है। इन बसों पर भी अभ्यर्थियों को बिल्कुल फ्री यात्रा दी जाएगी। पंचकूला रोडवेज के जीएम सुखदेव ने बताया कि सभी अभ्यर्थियों से अपील है कि वह बस में यात्रा के दौरान अपने एडमिट कार्ड को साथ रखें और उसे दिखाकर निशुल्क यात्रा का लाभ लें।