यूपी के DGP बनने के बाद राजीव कृष्ण सोमवार को पहली बार मीडिया से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि सिपाहियों की भर्ती पर काम चल रहा है। जल्द ही 26 हजार सिपाहियों की भर्ती निकाली जाएगी। साथ ही यह भी कहा कि हर नागरिक की आवाज सुनी जाएगी। किसी से कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। मॉब लिंचिंग को लेकर कहा कि कानून व्यवस्था को मेंटेन करना हमारा काम है। अगर कोई मॉब अटैक करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जीरो टॉलरेंस अपनाया जाएगा। जब उनसे मायावती के ट़्वीट पर सवाल किया गया, तो कहा कि मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। DGP ने सीएम योगी को भी धन्यवाद दिया। कहा- विश्व के सबसे बड़े पुलिस बल का नेतृत्व प्रदान करते हुए मुझ पर विश्वास जताने के लिए मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त करना चाहता हूं। यह बड़ी जिम्मेदारी है। मैं उत्तर प्रदेश पुलिस को उत्कृष्टता की अभूतपूर्व ऊंचाइयों की ओर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हूं। उन्होंने कहा- पिछले 8 साल में मुख्यमंत्री के नेतृत्व और मार्गदर्शन से पुलिसिंग की दिशा साफ रही है। इस दिशा में ये कार्य उनके मार्गदर्शन में नए जोश और रणनीतिक जोर के साथ जारी रहेंगे। पढ़िए DGP ने जो कुछ कहा अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस DGP राजीव कृष्ण ने पुलिस हेडक्वार्टर में मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के साथ काम करेंगे। इसके लिए 5 स्टेप में काम करेंगे… पहला- संगठित अपराध के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। इसका उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाना है। दूसरा- सभी रूपों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की रोकथाम और समाधान पर विशेष जोर दिया जाएगा। हमारी पहल महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी सुरक्षा की भावना को बढ़ाने की दिशा में होगी। तीसरा- जन शिकायतों का सफल समाधान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। हम हर स्तर पर सभी शिकायतों से निपटने में बहुत सहानुभूतिपूर्ण और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाएंगे। IGRS देश की इकलौती व्यवस्था है, जहां 70 फीसदी से अधिक लोगों से सीधे फीडबैक लिया जाता है। उसी के हिसाब से कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाता है। चौथा- कानून-व्यवस्था बनाए रखना बिगाड़ने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के प्रति बिल्कुल भी सहनशीलता नहीं बरती जाएगी। हम हर कीमत पर कानून के शासन को बनाए रखेंगे। राज्य के हर हिस्से में शांति व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। पांचवां- हाल के साल में विशेषकर कोविड के बाद से साइबर अपराध नागरिकों के लिए एक बड़े खतरे के रूप में उभरा है। यूपी पुलिस ने इसकी रोकथाम और पता लगाने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करके जवाब दिया है। साइबर खतरों से आगे रहने के लिए उन्नत तकनीकों का फायदा उठाते हुए इसे समय के साथ और मजबूत किया जाएगा। पुलिस सेवाओं में सुधार करेंगे
DGP राजीव कृष्ण ने कहा कि पुलिस सेवाओं के दायरे और वितरण में सुधार किया जाएगा। हम सुनिश्चित करें कि हमारी सेवाएं नागरिकों की जरूरतों के हिसाब से हों। इसके साथ ही दुनिया के सबसे बड़े पुलिस फोर्स के रूप में हमारे कर्मियों के काम को प्रभावित करने वाले प्रशासनिक और कल्याणकारी मुद्दों पर विशेष जोर दिया जाएगा। हम पुलिस कल्याण को प्राथमिकता देंगे। AI का भरपूर इस्तेमाल करेंगे
कहा- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हमारे उद्देश्यों को लागू करने में एक गेमचेंजर साबित होगा। इससे हम डेटा संचालित उचित निर्णय लेने और अपने संसाधनों का सही इस्तेमाल करने में सक्षम होंगे। इसके अलावा लगातार ट्रेनिंग ही एकमात्र आधार है, जिससे किसी संगठन में सुधार किया जा सकता है। हर दिन की चुनौतियों का सामना करने के लिए पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्होंने कहा- साइबर क्राइम तकनीकी विषय है। रिकवरी कम होने का कारण यह है कि ज्यादातर ट्रांजक्शन बहुत तेज होता है। पुलिस के पास सूचना पहुंचने से पहले ही पैसा निकल चुका है। बैंकों, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट और आरबीआई के साथ मिलकर चीजों को बेहतर करने की कोशिश करेंगे। कहा- लीडर के जाते ही अगर सिस्टम बिगड़ जाए, तो इसमें अधिकारी की कमी मानी जाती है। विजिलेंस के जो अधिकारी हैं, वो बेहतर होंगे। अब पढ़िए मायावती की किस टिप्पणी पर DGP ने कहा- नो कमेंट बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को नए डीजीपी राजीव कृष्ण पर कमेंट किया था। कहा था- उत्तर प्रदेश के मौजूदा हालात में पुलिस के नए मुखिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही होगी कि वह अपराध नियंत्रण करें। कानून का राज स्थापित कर प्रदेश की जनता को राहत दिलाएं। सिर्फ भाषणों और घोषणाओं से कुछ नहीं होगा, कानून व्यवस्था की मजबूती के लिए सरकार और दल के हर स्तर पर ईमानदारी से सक्रिय सहयोग जरूरी है। मीडिया के साथ अच्छे संबंध रखना पुलिस का कर्तव्य
राजीव कृष्ण ने कहा- मीडिया के साथ अच्छे संबंध रखना पुलिस का कर्तव्य है। कोई अधिकारी अगर इस बात को न समझते हुए काम करता है, तो उसे सलाह दी जाएगी और कार्रवाई भी की जाएगी। पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर कहा कि यह लोकतंत्र का चौथा स्तंभ हैं। उन्होंने कहा- मैं बीएसएफ में रहा हूं। इंडो-पाकिस्तान बार्डर की जिम्मेदारी संभाल चुका हूं। नेपाल बार्डर पर एसएसबी लगी है, समन्वय जितना अच्छा होगा कार्रवाई उतनी ही अच्छी होगी। 2007 में एसएसपी था, उस समय के मुकाबले ट्रैफिक और सिग्नल दोनों बढ़े हैं। दस गुना वाहन बढ़े हैं, तकनीक बेहतर हुई है। DGP के सामने पहली चुनौती पंचायत चुनाव कराना
राजीव कृष्ण को 11 अफसरों को सुपरसीड कर DGP बनाया गया है। वो योगी सरकार में लगातार 5वें कार्यवाहक DGP हैं। इससे पहले डीएस चौहान, राजकुमार विश्वकर्मा, विजय कुमार और प्रशांत कुमार कार्यवाहक DGP के तौर पर काम करके रिटायर हो चुके हैं। हालांकि राजीव कृष्ण के पास 4 साल का समय है। ऐसे में वो सरकार के साथ किस तरह बैलेंस बनाते हैं और काम करते हैं, यह देखना दिलचस्प रहेगा। राजीव कृष्ण के सामने सबसे बड़ी चुनौती पंचायत चुनाव होगा, जो अगले साल मार्च-अप्रैल में होने हैं। उसके बाद यूपी विधानसभा चुनाव के मोड में आ जाएगा। प्रदेश में 2027 में विधानसभा चुनाव होंगे। यहां-यहां रही तैनाती
1991 में आईपीएस बनने के बाद उनकी पहली तैनाती प्रशिक्षु आईपीएस के रूप में इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुई थी। इसके बाद बरेली, कानपुर, अलीगढ़ में एएसपी के तौर पर तैनात रहे। 10 मार्च, 1997 को इन्हें पहली बार जिले की कमान सौंपी गई और फिरोजाबाद के एसपी बने। इसके बाद वह इटावा, मथुरा, फतेहगढ़, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, आगरा, लखनऊ, बरेली के एसएसपी रहे। मायावती के शासनकाल में जब बड़े जिलों में एसएसपी के स्थान पर डीआईजी की तैनाती हो रही थी, उस समय इन्हें लखनऊ जिले का डीआईजी बनाया गया था। राजीव कृष्ण मेरठ रेंज के आईजी भी बने थे। 2012 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए। सितंबर, 2017 में लौटे तो पहले पुलिस अकादमी मुरादाबाद में तैनाती दी गई। फिर 5 फरवरी, 2018 को इन्हें लखनऊ जोन का एडीजी बनाया गया। राजीव कृष्ण आगरा जोन में भी ढाई साल तक एडीजी जोन रहे थे। मजबूत बैक ग्राउंड से हैं राजीव कृष्ण
राजीव कृष्ण के परिवार में दो पीढ़ियों से सिविल सेवाओं (आईपीएस, आईआरएस) और राजनीति में प्रभावशाली उपस्थिति है। पत्नी मीनाक्षी सिंह नोएडा में CBDT में डिप्टी सेक्रेटरी हैं। सरोजनीनगर से विधायक राजेश्वर सिंह इनके साले हैं। राजेश्वर यूपी पुलिस के 1996 बैच के अफसर रहे हैं। बाद में वे प्रतिनियुक्ति पर प्रवर्तन निदेशालय चले गए और उसी कॉडर में मर्ज हो गए। 2022 के चुनाव से ठीक पहले राजेश्वर सिंह ने VRS लेकर राजनीति में कदम रखा। वे मौजूदा समय में लखनऊ की सरोजनीनगर सीट से विधायक हैं। राजेश्वर की पत्नी लक्ष्मी सिंह गौतमबुद्धनगर की पुलिस आयुक्त हैं। इसके अलावा इनके ससुर भी डीआईजी रहे हैं। ——————————- यह खबर भी पढ़ें सनी देओल स्टाइल में पीटते IRS अफसर गौरव गर्ग, जाइंट कमिश्नर योगेंद्र का दावा- पुलिसवालों जैसा उनका रवैया लखनऊ में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में दो IRS अफसरों के बीच मारपीट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। डिप्टी कमिश्नर गौरव गर्ग पर हमला करने के आरोपी जाइंट कमिश्नर योगेंद्र मिश्रा ने सोमवार को X पर बड़ा खुलासा किया। यहां पढ़ें पूरी खबर