पंजाब में स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल ने आतंकी अर्श डल्ला के एक और साथी को गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम कुलविंदर सिंह उर्फ किंदा है। किंदा पर नशे की तस्करी सहित चार से ज्यादा मामले दर्ज हैं। कल ही पुलिस ने एक दूसरे आरोपी कवलजीत सिंह (गांव धर्मकोट) को पकड़ा था, जिसके खिलाफ आठ मामले दर्ज हैं। पूछताछ में उसने बताया कि वह श्री मुक्तसर साहिब, लुधियाना, मोगा सहित पंजाब की कई जेलों में रह चुका है। अप्रैल 2025 में ही वह फरीदकोट जेल से बाहर आया था। 2023 में सुखदूल सिंह से किया था संपर्क जांच में आया है कि 2023 में जेल में रहने के दौरान उसने दूसरे कैदियों की मदद से सुखदूल सिंह उर्फ सुखा दुनेके (अब मरा हुआ) से संपर्क किया था। सुखा दुनेके ने ही जमानत मिलने पर उसको अपराध गिरोह में शामिल किया और अर्श डल्ला से भी मिलवाकर रखा। गौरतलब है कि सुखा दुनेके मूल रूप से मोगा का रहने वाला था और आतंकवादी गिरोह से जुड़ा हुआ था। सितंबर 2023 में कनाडा के विन्निपेग में उसकी हत्या हुई थी, जिसके बाद इसका जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने ली थी। फरीदकोट में दिया था किलिंग टास्क
सुखा की मौत के बाद कवलजीत उर्फ काका को सीधे अर्श डाला संभाल रहा था। अप्रैल 2025 में जेल से रिहा होने के बाद, कवलजीत ने अर्श डाला से दोबारा संपर्क किया, जिसने उसे फरीदकोट में एक हाई-प्रोफाइल टारगेट किलिंग को अंजाम देने का निर्देश दिया, जिससे उसके सहयोगी सुखा दुन्नेके की मौत का बदला लिया जा सके। कुलविंदर और नवदीप से मुलाकात करवाई किलिंग के लिए कंवलजीत को दो और लोगों नवदीप सिंह उर्फ हनी, कुलविंदर सिंह उर्फ किंदा निवासी जिला मोगा से उसे अर्श डला ने मिलवाया। किंदा ने खुलासा किया कि वह फरीदकोट जेल में कवलजीत उर्फ काका से मिला था। वह कवलजीत और नवदीप के साथ हाल ही में बरनाला गया था, जहां उन्होंने योजनाबद्ध हत्या में इस्तेमाल के लिए गोला-बारूद के नौ राउंड बरामद किए। उसके पुलिस ने एक .32 बोर पिस्तौल के साथ 03 कारतूस बरामद किए, जो उसे विशेष रूप से हत्या को अंजाम देने के लिए अर्श डाला द्वारा प्रदान किए गए थे। तीसरी गिरफ्तारी में साजिश मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ
आरोपी कुलविंदर सिंह उर्फ किंदा के खिलाफ चार आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें आर्म्स एक्ट और एनडीपीएस एक्ट के तहत मामले शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी टारगेट किलिंग को अंजाम देने की तैयारी के अंतिम चरण में थे। अब तक पुलिस ने कुल एक जिगाना पिस्तौल के साथ 09 जिंदा राउंड और एक 32 बोर पिस्तौल के साथ 03 जिंदा राउंड बरामद किए हैं। पुलिस की त्वरित और समय पर कार्रवाई ने फरीदकोट में संभावित खूनी घटना को सफलतापूर्वक रोका है, जिससे नागरिकों की जान और सार्वजनिक शांति सुरक्षित रही है। इस तीसरी गिरफ्तारी के साथ, साजिश मॉड्यूल का और पर्दाफाश हुआ है।