पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब की AAP सरकार से खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल की पैरोल रिजेक्ट करने के डॉक्यूमेंट्स तलब कर लिए हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद पंजाब सरकार ने कानून-व्यवस्था बिगड़ने का खतरा बताते हुए अमृतपाल की पैरोल रिजेक्ट कर दी थी। इसके खिलाफ सांसद ने हाईकोर्ट में दोबारा याचिका दायर की है। अमृतपाल ने संसद के मानसून सत्र में शामिल होने की मंजूरी मांगी थी। यह सेशन 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चल रहा है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार के वकील ने कहा- सांसद अमृतपाल के भाषण से खतरा हो सकता है। उन पर NSA के तहत केस दर्ज है। कोई ऐसा प्रोविजन नहीं है कि उन्हें संसद भेजा जा सकता है। इस पर अमृतपाल के वकील ने कहा- हमें संसद में फिजिकल शामिल नहीं होने दिया जा रहा है। ऐसे में हमें वर्चुअल सेशन में हिस्सा लेने की अनुमति दी जाए। इसके जवाब में केंद्र के वकील सत्यपाल जैन ने कहा- संसद में हिस्सा लेने का ऐसा कोई तरीका नहीं है। इसके बाद हाईकोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार ने किस आधार पर पैरोल खारिज की, वह सारे दस्तावेज पेश किए जाएंगे। सोमवार, 8 दिसंबर को फिर इस मामले की सुनवाई होगी। अमृतपाल के पैरोल मामले में अब तक क्या-क्या हुआ.. 60 दिन की अनुपस्थिति का खतरा
नियमों के मुताबिक, यदि कोई सांसद लगातार 60 दिन तक सदन की किसी भी बैठक में बिना अनुमति अनुपस्थित रहता है, तो उसकी सांसद सदस्यता रद्द की जा सकती है। यही वजह है कि परिवार और कानूनी टीम ने इस मामले को अदालत में उठाया। लोकसभा की तरफ से भी इस मामले पर नजर रखने के लिए स्पेशल कमेटी बनाई गई है। कोर्ट की सुनवाई और अदालत में दायर अपील का परिणाम आने के बाद ही संसद में उनके हाजिरी की स्थिति स्पष्ट होगी। NSA के तहत डिब्रूगढ़ जेल में बंद
अमृतपाल सिंह इस समय NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत डिब्रूगढ़ जेल, असम में बंद हैं। साल 2024 में उन्होंने जेल से चुनाव लड़ा और खडूर साहिब सीट से लगभग 2 लाख वोटों से जीतकर सांसद बने।