पंजाब के अमृतसर से सीनियर कांग्रेस नेता डॉ. राजकुमार वेरका ने हरियाणा के आईपीएस पूरन कुमार की आत्महत्या को दलित उत्पीड़न बताया है। उन्होंने इसे गंभीर मामला बताते हुए चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो देशभर में दलित समाज बड़ा आंदोलन शुरू करेगा। राजकुमार वेरका सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों के मुद्दों पर अपनी मुखर राय के लिए जाने जाते हैं। वे पंजाब मानव अधिकार आयोग के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं। राजकुमार वेरका ने कहा कि हरियाणा के आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार की आत्महत्या केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि दलित समाज के खिलाफ हुए गंभीर अन्याय का प्रतीक है। राष्ट्रीय रणनीति के लिए जल्द बुलाई जाएगी दलित नेताओं की बैठक डॉ. वेरका ने आरोप लगाया कि पूरन कुमार, जो हरियाणा पुलिस में एडीजीपी (ADGP) के पद पर कार्यरत थे, के साथ लंबे समय से उत्पीड़न और भेदभाव किया जा रहा था। इसी मानसिक दबाव और अन्याय के चलते उन्होंने यह कठोर कदम उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार की चुप्पी और दोषियों पर कार्रवाई की कमी इस मामले को देश का सबसे बड़ा दलित उत्पीड़न बनाती है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि इस मामले में जल्द और निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की गई, तो दलित समाज देशभर में सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेगा। यह केवल हरियाणा का मामला नहीं है, बल्कि यह भारत के संविधान और दलित समाज के आत्म-सम्मान की लड़ाई है। डॉ. वेरका ने यह भी जानकारी दी कि वे जल्दी ही देशभर के दलित नेताओं और सामाजिक संगठनों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे, जिसमें राष्ट्रीय आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने सरकारों को चेतावनी देते हुए कहा कि अब दलितों की आवाज को दबाना सरकारों को बहुत महंगा पड़ेगा।