IPS सुसाइड- हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी में गुस्सा:सीनियर IAS बोले-3-4 साल से SC अफसर टारगेट पर; डराने के लिए गैंगस्टरों का यूज, कहीं सुनवाई नहीं

हरियाणा के IPS अफसर वाई पूरन कुमार के सुसाइड के बाद राज्य के SC बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले सीनियर अफसरों में जबरदस्त गुस्सा है। खासकर DGP शत्रुजीत कपूर को लेकर। पूरन कुमार SC कम्युनिटी से ही थे और उन्होंने अपने सुसाइड नोट में DGP का नाम बोल्ड अक्षरों में लिखा। समाज के कमजोर तबके से आने वाले IAS अफसरों ने चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी के सामने अपना रोष जताया है। सीनियर IAS अफसर डी सुरेश ने तो इस मुद्दे पर CM नायब सैनी के समक्ष भी खुलकर अपनी बात रखी। इन अफसरों का कहना है कि पिछले 3-4 बरसों से एक सीनियर IPS अधिकारी के इशारे पर खास समुदाय के अफसर टारगेट पर हैं। उनमें डर फैलाया गया। उन्हें धमकाने के लिए गैंगस्टरों का सहारा भी लिया गया। बेनामी और झूठी शिकायतों के आधार पर एससी बिरादरी के अफसरों को अरेस्ट किया गया। एक तरह से पूरा सिस्टम फेलियर हो गया। इन IAS अफसरों का कहना है कि यह सब पॉलिटिकल आकाओं की नजर में हीरो बनने के लिए किया गया। हरियाणा में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन के रेजिडेंट कमिश्नर डी. सुरेश ने बताया कि उन्होंने CM सैनी के सामने पूरी बात रखी। सीएम को बताया कि क्या गलत हो रहा है। संवैधानिक प्रोसीजर फॉलो होने चाहिए। जहां तक पूरन कुमार के सुसाइड केस की बात है, तो न्याय यही बोलता है कि FIR, अरेस्ट और सस्पेंशन होनी चाहिए। सुसाइड नोट दर्शाता है कि आईपीएस ने भयभीत होकर जान दी। परिवार पीड़ा और गुस्से में है। SC कम्युनिटी के अफसर बोले- प्रोसीजर फॉलो नहीं, सत्ता के घमंड में सीधे FIR… DGP शत्रुजीत कपूर के बारे में तीन बातें… अब जानिए कुछ केस…जिनमें SC वर्ग के IAS-IPS अफसर फंसे डी सुरेश को हाईकोर्ट जाना पड़ा : सीनियर IAS अफसर डी सुरेश को जुलाई 2023 में एक ड्राफ्ट चार्जशीट भेजी। उन पर गुरुग्राम के सेक्टर-55-56 में एक स्कूल सोसाइटी को पुरानी दरों पर 1.5 एकड़ जमीन का रि-अलॉटमेंट करने का आरोप लगा। सरकार ने एंटी करप्शन ब्यूरो को जांच की अनुमति दी तो डी सुरेश हाईकोर्ट पहुंच गए। वहां दलील दी कि उन्होंने ज्यूडिशियल ऑर्डर व ऑब्जर्वेशन दी थी और आदेश इंप्लीमेंट भी नहीं हुआ। इस पर हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिली। विजय दहिया की गिरफ्तारी, भेदभाव का मुद्दा उठाया : आईएएस अफसर विजय दहिया को करप्शन चार्जेज में एंटी करप्शन ब्यूरो ने 10 अक्टूबर 2023 को अरेस्ट किया। आरोप था कि उन्होंने 50 लाख रुपए के बिल क्लियर करने के लिए 5 लाख की रिश्वत मांगी। नवंबर 2023 में दहिया को जमानत मिली और दिसंबर–2023 में वे बहाल हो गए। दहिया ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) में शिकायत दी कि जनरल कैटेगरी और SC कैटेगरी के अफसरों के साथ एक ही तरह के मामलों में अलग-अलग व्यवहार किया जा रहा है। SC महासभा की ओर से भी शिकायत की गई कि ACB ने SC अफसरों को गलत तरीके से निशाना बनाया। जयवीर आर्य अरेस्ट, सरकार ने केस की अनुमति नहीं दी : आईएएस अफसर जयवीर आर्य पर भी करप्शन के चार्जेज लगे। आरोप लगा कि पोस्टिंग दिलाने के नाम पर उन्होंने 5 लाख रुपए मांगे। 11 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तारी के बाद उन्हें ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा गया। सस्पेंड भी हुए। हालांकि 28 नवंबर 2023 को रेगुलर बेल मिल गई। हरियाणा सरकार ने जयबीर आर्य के खिलाफ करप्शन का मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया, क्योंकि एसीबी ने उनके खिलाफ एक्शन के लिए धारा 17ए के तहत पूर्व स्वीकृति नहीं ली थी। IPS अफसर राजेंद्र मीणा ने भी प्रताड़ना का आरोप लगाया : 2011 बैच के IPS अधिकारी राजेंद्र मीणा ने अक्टूबर 2023 में आरोप लगाया कि उन्हें ACS (होम) टीवीएसएन प्रसाद ने प्रताड़ित किया। उनकी केंद्र में डेपुटेशन पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया क्योंकि उन्होंने BPRD में सुपरिंटेंडेंट पद का जो स्थान प्रस्तावित किया गया था, उसे ग्रहण नहीं किया।
मीणा ने दावा किया कि यह तैनाती सिर्फ उन्हें प्रताड़ित करने के इरादे से की गई। हालांकि, तब टीवीएसएन प्रसाद ने उनके आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि राज्य सरकार और गृह विभाग ने प्रक्रियाएं पूरी करते हुए प्रतिनिधि को चांस दिया था। चीफ सेक्रेटरी ऑफिस, पूर्व IAS-IPS अफसरों ने साथ नहीं दिया
SC बिरादरी से संबंधित इन अफसरों का कहना है कि चीफ सेक्रेटरी की जिम्मेदारी होती है-अधीनस्थों को प्रोटेक्ट करना। उनके रिप्रेजेंटेशन पर सुनवाई करना लेकिन पिछले कुछ समय से CS ऑफिस को भी एक तरह से ओवरलैप कर लिया गया। वहां सुनवाई नहीं हुई। पूर्व आईएएस और आईपीएस अफसर भी साथ खड़े नहीं हुए। वाई पूरन कुमार ने भी अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि उन्होंने CS और सीएम के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर के सामने खुद से हो रहे जातिगत भेदभाव की लिखित शिकायत की थी, लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ। एचसीएस एसोसिएशन ने भी कहा- आरोपी अधिकारियों को अस्थायी रूप से पद से हटाए
एचसीएस एसोसिएशन ने सीएम को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि पूरन कुमार के सुसाइड केस को अत्यंत गंभीरता, संवेदनशीलता और निष्पक्षता के साथ निपटाया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि बिना किसी देरी के FIR दर्ज करके नए आपराधिक कानूनों के अनुसार निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध जांच हो। न्याय हित में, एसोसिएशन ने यह सुझाव भी दिया कि जूनियर जांच अफसरों को किसी तरह के दबाव से बचाने के लिए आरोपी अधिकारियों को अस्थायी रूप से उनके पद से हटाया जाए। ————————— ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा IPS सुसाइड केस- तीसरे दिन FIR:IAS पत्नी बोलीं- ये मर्डर; DGP-SP को हटाएगी सरकार, इनके नाम सुसाइड नोट में हरियाणा के सीनियर IPS अफसर वाई पूरन कुमार के सुसाइड के तीसरे दिन, गुरुवार देर शाम को चंडीगढ़ पुलिस ने FIR दर्ज कर ली। सेक्टर-11 थाने में 156 नंबर FIR भारत न्याय संहिता (BNS) की धारा 108, 3(5) और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(r) के तहत दर्ज की गई है। (पूरी खबर पढ़ें)
IPS पूरन कुमार के सुसाइड नोट में 15 नाम:इनमें 3 IAS-12 IPS अफसर; 11 अहम पदों पर पोस्टेड, 3 रिटायरमेंट के बाद हो चुके एडजस्ट हरियाणा के सीनियर IPS अफसर वाई पूरन कुमार ने आत्महत्या करने से पहले 9 पेज का फाइनल नोट लिखा था। इसमें से 8 पेजों में उन्होंने अपने साथ हुई प्रताड़ना की कहानी बयां की। लास्ट पेज मेंं अपनी पत्नी और हरियाणा की वरिष्ठ IAS अफसर अमनीत पी कुमार के नाम वसीयत लिखी। (पूरी खबर पढ़ें)

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