LU के पूर्व कुलपति-रजिस्ट्रार रहे एसके शुक्ला को बड़ी राहत:चारों आरोप निराधार पाए जाने पर आरोप मुक्त हुए, 30 जून को था रिटायरमेंट

रिटायर होने के करीब डेढ़ महीने बाद निलंबित पूर्व रजिस्ट्रार एसके शुक्ला पर लगे चारों आरोप निराधार पाए जाने के बाद उन्हें आरोप मुक्त कर दिया गया है। 3 साल पहले उन्हें इन आरोपों में निलंबित किया गया था। अब उनका निलंबन समाप्त करते हुए बिना किसी दंड के अनुशासनात्मक कार्रवाई को खत्म कर दिया गया है। फिलहाल, उन्हें बड़ी राहत मिल गई है। प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल की ओर से अनुशासनिक कार्रवाई बिना किसी दंड के समाप्त किए जाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इन आरोपों के चलते हुए था निलंबन साल 2019 में लखनऊ विश्वविद्यालय में कार्यवाहक कुलपति रहते हुए एलएलबी 3 ईयर पाठ्यक्रम के तीसरे सेमेस्टर के लीक होने संबंधित आडियो वायरल होने, परीक्षा में पर्यवेक्षणीय शिथिलता बरतने, प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) विश्वविद्यालय प्रयागराज के रजिस्ट्रार रहते हुए संबद्धता से संबंधित एनओसी जारी करने में रूचि न लेने और इस विश्वविद्यालय की प्रथम परिनियमावली को लागू कराए जाने में रूचि न लेने के आरोप लगाए गए थे। मंडलायुक्त को बनाया गया था जांच अधिकारी ऐसे में छह जुलाई 2022 को इन्हें संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के रजिस्ट्रार के पद से निलंबित कर दिया गया था और इन्हें उच्च शिक्षा निदेशालय प्रयागराज से संबद्ध कर दिया गया था। लखनऊ के मंडलायुक्त को जांच अधिकारी नामित किया गया था। जांच के उपरांत किया गया दोषमुक्त फिर 22 अगस्त 2023 को जीवन निर्वहन भत्ता मूल वेतन का 75 प्रतिशत दिए जाने की स्वीकृति दी गई। 26 दिसंबर 2024 को मंडलायुक्त ने जांच शासन को सौंप दी थी। अब निलंबन समाप्त करते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई को बिना किसी दंड के समाप्त किए जाने का निर्णय लिया गया है। एसके शुक्ला इसी साल 30 जून को रिटायर हो चुके हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *