रजिस्ट्री के लिए रिश्वत मांगने और फाइल दबाने का मामला सीएम ऑफिस तक पहुंच गया है। पीड़ित नीरज गुप्ता की शिकायत पर सीएम के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने जांच के आदेश दिए हैं, और केडीए उपाध्यक्ष मदन सिंह गर्ब्याल से पूरी रिपोर्ट मांगी है। इससे पहले केडीए उपाध्यक्ष ने रजिस्ट्री के लिए 30 हजार की रिश्वत मांगने और रजिस्ट्री की फाइल 6 माह तक दबाने में ओएसडी अजय कुमार समेत सहायक अभियंता संदीप मोदनवाल को प्रतिकूल प्रविष्टि दी है। मामले में लिपिक अतुल सोनकर को पहले ही निलंबित कर दिया गया है। पीड़ित का आरोप है कि उनकी रजिस्ट्री अब तक नहीं हुई है। यह था मामला… पीड़ित नीरज गुप्ता ने ओएसडी अजय कुमार पर रजिस्ट्री के नाम पर 30 हजार घूस मांगने का आरोप लगाया था। पीड़ित ने शिकायती पत्र के साथ 30 हजार की चेक ओएसडी के नाम बीते दिनों जिलाधिकारी को दी थी। इस मामले में ओएसडी जोन 3 की रिपोर्ट पर डीएस भूतल योजना-बर्रा-6 के द्वितीय श्रेणी लिपिक अतुल सोनकर को निलंबित कर दिया था। निलंबन के विरोध में किया था कार्य बहिष्कार आरोपी ओएसडी अजय कुमार ने अपना पल्ला झाड़ते हुए सफाई दी थी कि उन तक फाइल पहुंची ही नहीं। लिपिक के निलंबन के विरोध में केडीए के कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया तो तो आनन-फानन में केडीए उपाध्यक्ष ने ओएसडी और सहायक अभियंता पर कार्रवाई की। नीरज ने कहा- ओएसडी को बचाया जा रहा नीरज ने शासन को शिकायत की है कि फाइल ओएसडी अजय कुमार के पास पहुंची थी और उन्होंने बिना किसी टिप्पणी के ई फाइल वापस कर दी। उन्होंने आरोप लगाया है कि ओएसडी को बचाया जा रहा है। शासन की ओर से शुरू हुई कार्रवाई के बाद केडीए में हड़कंप मचा है। मामले में केडीए सचिव अभय कुमार पांडेय ने बताया कि रजिस्ट्री की प्रक्रिया को सहमति तो दे दी गई थी, क्योंकि इसमें समय लगता है। ज्यादा जानकारी ओएसडी ही दे सकते हैं। वहीं केडीए उपाध्यक्ष मदन सिंह गर्ब्याल ने बताया कि शासन को पूरी मामले की जानकारी दी जा रही है। हमने इस मामले में कार्रवाई की है।