पंजाब में अर्बन एस्टेट के लिए लैंड पूलिंग के तहत की जा रही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को लेकर विरोध तेज हो गया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने इस मुद्दे पर बड़ा ऐलान करते हुए बताया कि 18 जुलाई को चंडीगढ़ के सेक्टर-35 स्थित किसान भवन में सुबह 11 बजे ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई जाएगी, जिसमें सभी दलों से राय ली जाएगी। किसान नेताओं ने बताया कि 30 जुलाई को जिन गांवों में जमीन अधिग्रहण की जा रही है, वहां ट्रैक्टर और झंडा मार्च निकाला जाएगा। इसके बाद 24 अगस्त को मुल्लांपुर किसान मंडी में बड़ी रैली आयोजित की जाएगी। नेताओं का कहना है कि सरकार पहले से बनाए गए रिहायशी और इंडस्ट्रियल सेक्टरों को पूरी तरह विकसित करे, फिर नई जमीनों का अधिग्रहण करे। किसान सरकार की मंशा और प्रक्रिया को लेकर नाराज हैं और आगे बड़ा आंदोलन छेड़ने की चेतावनी भी दी है। 65 हजार एकड़ में इंडस्ट्रियल जोन काटने की तैयारी किसान भवन में मीटिंग के लिए जुटे किसान नेता हरिंदर सिंह लखोवाल ने कहा कि लैंड पूलिंग नीति हमें मंजूर नहीं है। इस नीति को हम सिरे से खारिज करते हैं। सरकारें आज हमारी जमीन को छीनने की कोशिश कर रही हैं। पहले 45 हजार एकड़ शहरी जमीन और अब हमें पता चला है कि इंडस्ट्रियल जोन काटने की भी तैयारी हो गई है। करीब 65 हजार एकड़ जमीन में यह बनाने की योजना है। हमारे पास आज ही यह रिपोर्ट मिली है। एसकेएम इस योजना को रद्द करती है। आज तक पहले आईटी सिटी समेत कई शहर बसाए गए हैं, जो खाली पड़े हैं। इस तरह अपनी जमीनों को छीनने नहीं देंगे। यह सरकार नहीं, केजरीवाल की पॉलिसी है
किसान नेता बूटा सिंह बुर्जगिल का कहना है कि यह नीति पंजाब सरकार की नहीं, बल्कि अरविंद केजरीवाल की है। उन्होंने बताया कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसान इस बात को अच्छी तरह समझ गए हैं। वहीं, उन्होंने सरकार से मांग की है कि पानी के समझौते रद्द किए जाएं। रिपेयरिंग लॉ के अनुसार पानी का बंटवारा होना चाहिए। अतिरिक्त पानी जाने पर हमें रॉयल्टी मिलनी चाहिए। इस मामले में विधानसभा सेशन बुलाकर चर्चा की जानी चाहिए।