कुरुक्षेत्र में हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी (HSGMC) के प्रधान जगदीश सिंह झींडा देर शाम एक बार फिर मीरी-पीरी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च शाहाबाद पहुंचे। उन्होंने टीम के साथ संस्थान का निरीक्षण किया और संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. संदीप इंद्र सिंह चीमा से जानकारी ली। झींडा ने कहा कि संगत से किए वादे को निभाने का समय आ गया है। HSGMC चंद दिनों में कानूनी प्रक्रिया पूरी कर मीरी पीरी संस्थान की सेवा अपने अधीन करेगी। आरोप लगाया कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने सिर्फ संस्थान की जमीन पर कब्जा किया, मगर MBBS कॉलेज बनवाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। ना ही जमीन का इस्तेमाल संगत के हित के लिए किया। मस्तगढ़ साहिब की जमीन झींडा ने कहा कि मीरी-पीरी संस्थान ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री मस्तगढ़ साहिब की जमीन पर बना है। साल 2004 में SGPC ने MBBS कॉलेज बनाने के लिए नींव रखी था, लेकिन उन्होंने संगत के साथ मिल कर जगह से अवैध कब्जे को हटाया था। संगत ने उनको सेवा का अवसर दिया है तो कॉलेज निर्माण की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करेंगे। SGPC के साथ में संचालन उधर, SGPC के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने झींडा के दावे को खारिज कर दिया। धामी ने कहा कि संस्थान की जमीन श्री दरबार साहिब अमृतसर के नाम पर दर्ज है। इसका संचालन SGPC कर रही है। झींडा संगत को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।