कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में इमरजेंसी की 50वीं बरसी पर हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी (HSGMC) की तरफ से काला दिन मनाया गया। इस कार्यक्रम में इमरजेंसी के दौरान जबरन जेलों में डाले गए लोगों को सम्मानित किया गया। हालांकि अकाल पंथक मोर्चा से जुड़े कई मेंबर्स ने इसका बायकाट किया। कार्यक्रम में पंजाब से पहुंचे पूर्व सांसद प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इमरजेंसी में सब लोगों में डर का माहौल था। आजाद भारत का सबसे सख्त कानून मीसा लागू किया गया था। हमारे फंडामेंटल राइट्स छीन लिए गए और हमें 21 महीने तक जेल में रखा गया। उधर, कमेटी की ओर से प्रधान जगदीश सिंह झींड़ा ने संगत का स्वागत किया। मजीठिया की गिरफ्तारी गलत प्रो. चंदूमाजरा ने पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रमजीत सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए। उन्होंने मजीठिया की गिरफ्तारी को सियासी द्वेष के चलते की गई कार्रवाई बताया। जब एजेंसियों का इस्तेमाल सरकार अपने लिए करती है तो इससे नुकसान ही होता है। हम उनकी गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हैं। सरकार ने बहाना बनाया चंदूमाजरा ने कहा कि सरकार ने सिर्फ बहाना बनाकर मजीठिया को गिरफ्तार किया है। अगर मजीठिया के काले कारनामे थे तो पहले गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? अब ही क्यों उनकी गिरफ्तारी की गई? यह सरकार बहानेबाज है। सरकार के पोस्टर पर जताया एतराज प्रो. चंदूमाजरा ने बाबा बंदा सिंह बहादुर को वीर बंदा बैरागी कहे जाने पर हरियाणा सरकार के पोस्टर पर एतराज जताया है। उन्होंने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के आपत्ति को सही ठहराया। बाबा बंदा सिंह बहादुर हमारे गौरव हैं। गुरु साहिबान की ओर से ही उन्हें थाप दी गई थी। हरियाणा सरकार को इसे ठीक करना चाहिए।